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झारखंड: निर्मला देवी ने मांगा राइफल का लाइसेंस, कांग्रेस MLA अंबा प्रसाद व उनके भाई-बहनों को भी चाहिए हथियार

पूर्व विधायक निर्मला देवी के परिवार के अन्य सदस्यों ने भी राइफल के लिए आवेदन दिया है. लाइसेंस मांगनेवालों में विधायक अंबा प्रसाद, अंकित राज और अनुप्रिया का नाम शामिल है.

रांची : पूर्व विधायक निर्मला देवी ने आत्मरक्षा के लिए राइफल का लाइसेंस मांगा है. वह सजायाफ्ता हैं. अदालत से उन्हें 10 साल की जेल की सजा मिल चुकी है. फिलहाल वह जमानत पर हैं. उनकी इस मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी उलझन में हैं. हालांकि, अब तक उनके आवेदन को रद्द नहीं किया गया है. निर्मला देवी पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पत्नी हैं. उनकी बेटी अंबा प्रसाद फिलहाल बड़कागांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक हैं.

पूर्व विधायक निर्मला देवी के परिवार के अन्य सदस्यों ने भी राइफल के लिए आवेदन दिया है. लाइसेंस मांगनेवालों में विधायक अंबा प्रसाद, अंकित राज और अनुप्रिया का नाम शामिल है. सभी ने आत्मरक्षा के नाम पर राइफल के ऐसे लाइसेंस की मांग की है, जिसे पूरे देश में कही भी ले कर जा सकें. अंबा प्रसाद सहित उनके भाई-बहनों में से किसी ने आवेदन में अपने पिता के नाम का उल्लेख नहीं किया है. सभी ने अभिभावक के रूप में अपनी मां निर्मला देवी के नाम का उल्लेख किया है. पर स्थायी पता में केयर ऑफ के रूप में पिता योगेंद्र साव के नाम का उल्लेख किया है.

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प्रशासनिक अधिकारी हैं उलझन में, परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ दर्ज हैं मामले

निर्मला देवी और उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा राइफल के लाइसेंस के लिए आवेदन दिये जाने के बाद से प्रशासनिक अधिकारी उलझन में हैं, क्योंकि उनके पारिवारिक सदस्यों में अधिसंख्य के खिलाफ थानों में मामले दर्ज हैं. विधायक अंबा प्रसाद पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. निर्मला देवी को तो अदालत से 10 साल की सजा हो चुकी है. एनटीपीसी परियोजना को लेकर हुए चीरूडीह गोली कांड में अदालत ने वर्ष 2022 में निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव को सजा सुनायी थी. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में एनटीपीसी परियोजना में अपनी मांगों को लेकर उन लोगों ने आंदोलन किया था.

प्रशासन ने निरोधात्मक कार्रवाई की थी. अधिकारी निर्मला देवी को घटनास्थल से गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा रहे थे. इसी क्रम में रास्ते में ही उनके समर्थकों ने पुलिस के कब्जे से निर्मला देवी को छुड़ा लिया था. निर्मला देवी को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने के क्रम में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गयी थी. न्यायालय द्वारा इस मामले में सजा सुनाये जाने के बाद निर्मला देवी ने फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील दायर की. इसके बाद जमानत याचिका दाखिल की. हाइकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद जनवरी, 2023 में निर्मला देवी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. हाइकोर्ट के आदेश पर वह फिलहाल जमानत पर हैं.

अंबा प्रसाद को अब दो ही बॉडीगार्ड, हाउस गार्ड वापस

हजारीबाग जिला प्रशासन ने बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को पांच बॉडीगार्ड और पांच हाउस गार्ड दिये थे. इधर, सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद जिला प्रशासन ने अंबा को दी गयी हाउस गार्ड की सुविधा को समाप्त कर दिया है. साथ ही बॉडी गार्ड की संख्या पांच से घटा कर दो कर दी है.

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