NITI Aayog Meeting : झूठ बोल रहीं हैं ममता बनर्जी, निर्मला सीतारमण ने कहा
NITI Aayog Meeting : नीति आयोग की बैठक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के बाद बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है. जानें बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी और निर्मला सीतारमण ने क्या कहा
NITI Aayog Meeting : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनका मइक बंद कर दिया गया और बोलने नहीं दिया गया. मामले पर बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में क्या हुआ ये मैंने नहीं देखा. मैं केवल इतना कह सकता हूं कि ये I-N-D-I-A ब्लॉक…क्योंकि यह बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है, मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ममता ने एक भी सीट नहीं दी. पश्चिम बंगाल में वह कांग्रेस को कितना सम्मान वह देती हैं, यह सभी जानते हैं. लेकिन ये पार्टियां लोगों के जनादेश को पचा नहीं पा रही हैं. गलत बयानबाजी कर रही हैं.
ममता बनर्जी का माइक बंद नहीं किया गया: निर्मला सीतारमण
ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. उनकी बात बैठक के दौरान गौर से सुनी गई. हर सीएम को समय आवंटित कर दिया गया था. यह स्क्रीन पर दिखाया गया था जो हर टेबल के सामने मौजूद थी. बंगाल की सीएम ने कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह से झूठ है. हर सीएम को बोलने के लिए उनका उचित समय दिया गया था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है. उन्हें झूठ पर आधारित कहानी गढ़ने के बजाय इसके पीछे का सच बोलना चाहिए.
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नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गईं. इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें केवल 5 मिनट बोलने के बाद रोक दिया गया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं. (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए. असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखते दिखे जबकि मुझे 5 मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया. यह ठीक नहीं हैं.
आगे ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्ष की ओरमैं यहां अकेली नेता हूं. मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए. यह राजनीतिक एवं पक्षपातपूर्ण बजट है. अन्य राज्यों के साथ भेदभाव का मामला मैंने उठाया. उन्होंने कहा कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? आयोग को वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग की वापसी हो.