Nitish Cabinet : कौन हैं विधायक सुधाकर सिंह, जिन्हें चुनाव में हराने के लिए कभी पिता ने किया था प्रचार
नीतीश मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री बने सुधाकर सिंह को 2010 के चुनाव में राजद रामगढ़ विधानसभा सीट से खड़ा करना चाहती थी लेकिन जगदानंद सिंह ने इसका विरोध किया था. इसी कारण से सुधाकर सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे.
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में रामगढ़ से राजद विधायक सुधाकर सिंह को भी मंत्री बनाया गया है. वो एक ऐसे मंत्री हैं जो पहली बार 2020 में विधायक बने और सामाजिक क्षेत्रीय समीकरण के तहत मंत्री भी बन गये. वह राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे भी हैं. इन्हें नयी सरकार में कृषि मंत्रालय दिया गया है.
राजद प्रदेश अध्यक्ष के बेटे हैं सुधाकर सिंह
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह राजपूत कोटे से मंत्री बनाए गए हैं. कैबिनेट विस्तार से पहले ऐसा कहा जा रहा था की सुधाकर सिंह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी क्योंकि वह अपने पिता जगदानंद सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आलोचक रहे हैं.
2010 में भाजपा की टिकट से उतरे थे चुनावी मैदान में
राजद के टिकट से चुनाव लड़ने के पहले 2010 में सुधाकर सिंह भाजपा की सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं. उस वर्ष जगदानंद सिंह ने राजद के साथ देते हुए अपने बेटे को चुनाव हराने के लिए जी तोड़ मेहनत की थी और सफल भी हुए थे. इसके बाद 2020 में वो रामगढ़ सीट से चुनाव लड़ कर जीते थे. कृषि मंत्री बनाए गए सुधाकर सिंह की शैक्षणिक योग्यता Graduate है और उनकी उम्र 44 साल है. राजनीति में आने से पहले सुधाकर सिंह खेती का काम किया करते थे.
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पिता ने बेटे को हराने के लिए किया था प्रचार
बता दें की 2010 के चुनाव में राजद सुधाकर सिंह को रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव में खड़ा करना चाहती थी लेकिन जगदानंद सिंह ने इसका विरोध किया था. जगदाबाबू ने परिवारवाद का विरोध करते हुए उस वर्ष अपने बेटे को राजद का टिकट नहीं लेने दिया था. इसी कारण से सुधाकर सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे. और भाजपा के टिकट से ही राजपूत वर्चस्व वाली रामगढ़ विधानसभा सीट पर सुधाकर सिंह ने चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें यहां राजद के उम्मीदवार अंबिका सिंह से हार मिली थी.