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नियोजन नीति के विरोध में छात्रों ने निकाला मशाल जुलूस, 19 अप्रैल को झारखंड बंद

झारखंड में नियोजन नीति के विरोध में छात्र संगठनों ने पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला. इस दौरान हेमंत सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की. वहीं, 19 अप्रैल को झारखंड बंद को सफल बनाने की अपील लोगों से की. छात्र नेताओं ने कहा कि जिस युवा के बल पर हेमंत सरकार सत्ता में आयी, उसी युवा के दर्द को भुला बैठे हैं.

Jharkhand News: 60-40 के फॉर्मूले पर नियोजन नीति, आरक्षण रोस्टर, सरकारी संस्थानों में डीएलएड की पढ़ाई को बंद किए जाने के खिलाफ एवं खतियान के आधार पर नियोजन नीति निर्धारित करने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा पूर्व में निर्धारित तीन दिवसीय महाआंदोलन के दूसरे दिन पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला. इस दौरान 19 अप्रैल, 2023 को झारखंड बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. इधर, रांची में बंद के मद्देनजर एक हजार से अधिक जवान तैनात रहेंगे.

चक्रधरपुर में विद्यार्थियों ने निकाला मशाल जुलूस

कोल्हान यूथ फाइटर्स के बैनर तले मंगलवार की शाम चक्रधरपुर शहर के न्यू बस स्टैंड हनुमान मंदिर समीप स्थित पेट्रोल पंप से विशाल मशाल जुलूस निकालकर पश्चिमी सिंहभूम बंद की अपील की गयी. इस मशाल जुलूस का नेतृत्व छात्र नेता बंसत महतो व बासिल हेंब्रम ने किया. इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक सुविधाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थान तथा स्कूल, कॉलेज, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले संस्थान, विभिन्न प्रतिष्ठानों, उद्योग आदि बंद रहने की बात कही गयी. इस दौरान बंदी को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की गई. जुलूस को सफल बनाने में मुख्य रूप से आकाश महतो, रोहन महतो, शकुंतला सरदार, प्रेमलता सरदार, लक्ष्मी चोड़ा, जरोय बोईपाई, लखीराम मुंडरी, मधु बिरवा, दीपक महतो, रवि महतो, हिमांशु महतो, विशाल मुंडा, चंद्रशेखर महतो, कुश मांझी, विवेक महतो, हेमंत महतो, लक्ष्मण खंडाईत, रविन्द्र महतो, विनोद महतो, राजकुमार महतो आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

इन मांगों के लेकर विद्यार्थी कर रहे हैं आंदोलन

– सरकार से 60-40 के फार्मूले पर नये नियोजन नीति के स्थान पर 90-10 के फार्मूले पर खतियान आधारित नियोजन नीति निर्धारित हो

– बिहार की तर्ज पर झारखंड में राज्य स्तर पर जातीय जनगणना के बाद सभी वर्गों के लिए जिला स्तर पर नियोजन के लिए आरक्षण रोस्टर निर्धारित किया जाये

– जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और प्राथमिक शिक्षण शिक्षा महाविद्यालय में डीईएलईडी के कोर्स के लिए सत्र 2023-25 में नामांकन लिया जाये

– उत्तराखंड का नकल विरोधी कानून की तर्ज पर सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और घोटालों तथा परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के नियंत्रण एवं रोकथाम उपाय ) अध्यादेश लागू करे

– झारखंड में स्थानीय छात्रों की उम्र सीमा में न्यूनतम पांच वर्ष की छूट दी जाए

– नियोजन फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या लिखना अनिवार्य किया जाए

– नियोजन में भाषा का बैरियर डाला जाए.

– विद्यालय और महाविद्यालयों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग बनाया जाए एवं शिक्षकों की नियुक्ति हो

– जिला स्तर पर नियोजन के लिए जारी आरक्षण रोस्टर के अनुसार बीसी-1 और बीसी-2 के लिए सात जिलों में आरक्षण शून्य किया गया है, इसे वापस लिया जाये.

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बोकारो के चंदनकियारी में निकला मशाल जुलूस

60-40 नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड राज्य छात्र यूनियन ने झारखंड बंद के समर्थन में बोकारो के चंदनकियारी में मशाल जुलूस निकाला. झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति चंदनकियारी इकाई द्वारा बुधवार को बंद को सफल बनाने की अपील की गयी. मौके पर कुमुद महतो, जगन्नाथ रजवार, रामपद महतो, दिलीप मोदी, मनपूरन महतो, शिबू राय, हरिपद महतो, दिनेश कुमार महतो, पिंकू कुमार महतो, हीरालाल महतो, प्रह्लाद महतो, परमेश्वर महतो, अश्वनी महतो, पांडव महतो, गौतम महतो, मानिक महतो, सोहन महतो, मनोज महतो, दिलीप महतो, गोविंद महतो, रंजीत महतो, मुकेश महतो, दिनेश महतो, जयदेव महतो, चक्रधर महतो सहित अन्य मौजूद थे.

गुमला के बिशुनपुर में निकला मशाल जुलूस

झारखंड के 60-40 नियोजन नीति के विरोध में झारखंड बंद को लेकर बिशुनपुर प्रखंड के छात्र एवं विभिन्न संगठनों के द्वारा मंगलवार की शाम मशाल जुलूस निकाला गया, जो कार्तिक उरांव चौक से लेकर बिरसा बाग बिशुनपुर तक गया. इस दौरान जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगाये गये. इस मौके पर रोहित रोशन भगत ने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार यहां के मूलवासी, आदिवासी एवं छात्रों को ठगने का काम कर रही है और जब छात्र संवैधानिक तरीके से अपने हक एवं अधिकार के लिए आंदोलन करते हैं, तो सरकार अपनी तानाशाही रवैया अपनाते हुए उनपर लाठीचार्ज करवा रही है. कहा कि यही युवा शक्ति के बल पर झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है और यह भी पूर्व की सरकार की भांति तानाशाही रवैया अपनाते हुए यहां के लोगों को छलने का काम कर रही है. इस बंद को आम आदमी पार्टी और पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति भी समर्थन दिया है. इस अवसर पर सुदेश महतो, बहुरा साहू, बृजमोहन यादव, अनिल असुर, बिंदेश्वर साहू, लक्ष्मी साहू, धनेश्वर उरांव, महात्मा उरांव, गौतम उरांव, आशीष सिंह, प्रदीप उरांव अनिस सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे.

पाकुड़ में भी छात्रों ने निकाला मशाल जुलूस

पाकुड़ के आदिवासी कल्याण हॉस्टल के छात्र-छात्राओं ने मशाल जुलूस निकाला. इस दौरान आक्रोशित छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के विरोध में नारेबाजी की गयी. मौके पर छात्र नेता कमल मुर्मू ने बताया कि नियोजन नीति 60/40 को लेकर झारखंडियों में काफी आक्रोश व्याप्त है. बताया कि सरकार की धारणा गलत है. कहा कि सरकार की करनी और कथनी में अंतर है. कहा कि 60% का आरक्षण झारखंडियों को दिया जा रहा है, तो वहीं 40% आरक्षण बाहरी लोगों को दिया जा रहा है. इसका झारखंड में रह रहे छात्र-छात्राओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, तो झारखंडवासी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. उन्होंने बुधवार को झारखंड बंद को सफल बनाने की अपील लोगों से की है. कहा कि अगर सरकार नियोजन नीति वापस नहीं लेती है, तो झारखंड वासियों द्वारा आर्थिक नाकेबंदी किया जाएगा.

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हजारीबाग के विष्णुगढ‍़ में निकला मशाल जुलूस

हजारीबाग के विष्णुगढ़ में छात्र संगठनों ने मंगलवार की शाम मशाल जुलूस निकाला. विष्णुगढ़ सात माइल मोड़ से शुरू हुआ मशाल जुलूस हॉस्पिटल चौक, अखाड़ा चौक, ब्लॉक रोड होते हुए दोबारा सात माइल मोड़ पहुंचा. झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने मंगलवार को प्रत्येक मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाला. जुलूस के दौरान छात्र संगठनों ने सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. वर्तमान 60:40 नियोजन नीति को वापस लेने की मांग करते हुए झारखंडवासियों के हित में स्पष्ट एवं पारदर्शी नियोजन नीति तय करने की मांग की. जुलूस के दौरान छात्र संगठन के लोगों ने व्यवसायियों व आमलोगों से इस आंदोलन का समर्थन करते हुए बुधवार को झारखंड बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. इसके पूर्व विष्णुगढ़ डिग्री कॉलेज के सभागार में छात्र संगठन की बैठक हुई. पश्चिमी जिप सदस्य प्रतिनिधि जयप्रकाश सिंह पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्तमान नियोजन नीति का जोरदार विरोध किया गया. वक्ताओं ने कहा कि अभी विरोध नहीं किया गया, तो आनेवाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकार में होगा. जिस उद्देश्य से झारखंड अलग राज्य का गठन किया गया, उस उद्देश्य को राजनीतिक पार्टियां सिर्फ अपने हित में उपयोग कर रही है. झारखंड के नौजवानों, छात्रों, बेरोजगारों की चिंता किसी पार्टी या सरकार को नहीं है. मौके पर अब्बास अंसारी, प्रेमचंद महतो, उपप्रमुख सरयू साव, माही पटेल, प्रदीप महतो, संतोष महतो, मेहीलाल मरांडी, गंगाधर महतो, दामोदर महतो, खूबलाल भारती, कैलाश महतो, राजेंद्र मंडल, दशरथ राय, सत्यनारायण महतो समेत कई लोग मौजूद थे.

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