छत्तीसगढ़ : भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, बीजेपी ने कहा- यहां युवाओं को उतारने पड़ते हैं कपड़े
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. मुख्य विपक्षी पार्टी ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश का विकास नहीं कर सकती. इस सरकार की वजह से छत्तीसगढ़ के युवाओं को अपने कपड़े उतारने पड़ते हैं.
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. प्रस्ताव पर चर्चा भी शुरू हो गयी है. छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर कुल 109 आरोप लगाये हैं. इसमें युवाओं और कांट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को धोखा देने के आरोप शामिल हैं. बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा हुई.
मानसून सत्र के आखिरी दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
बीजेपी ने बुधवार को ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस पर शुक्रवार को चर्चा शुरू हुई. छत्तीसगढ़ विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र के आखिरी दिन बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत हुई. इसलिए इसके देर शाम तक चलने की संभावना है. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर कई मोर्चों पर विफल होने और युवाओं तथा संविदा कर्मचारियों को धोखा देने का आरोप लगाया.
नारायण चंदेल ने पेश किया आरोप पत्र
सदन में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप पत्र पेश किया. छत्तीसगढ़ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने बहस की शुरुआत की. बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया है, क्योंकि भूपेश बघेल की सरकार ‘बहरी’ और ‘गूंगी’ हो गयी है. यह सरकार लोकतंत्र की ‘हत्यारी’ बन गयी है.
युवाओं को अपने कपड़े उतारने पड़ते हैं
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि युवाओं पर भूपेश बघेल की सरकार ने जो अत्याचार किये हैं, वह अंग्रेजों द्वारा किये गये अत्याचारों से कहीं अधिक हैं. सप्ताह की शुरुआत में अनुसूचित जाति (एससी) और जनजाति वर्ग (एसटी) के युवकों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग कर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किये गये ‘नग्न’ विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार में युवाओं को अपने कपड़े उतारने पड़ते हैं.
कांग्रेस नहीं कर सकती राज्य का विकास : बीजेपी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य का विकास नहीं कर सकती, बल्कि आत्म कल्याण में लगी हुई है. श्री अग्रवाल ने सत्ताधारी दल कांग्रेस के संगठन और मंत्रिमंडल में हुए हाल के बदलावों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री को न अपने कैबिनेट सहयोगियों पर और न ही अपने पार्टी प्रमुख पर भरोसा है. वहीं, मंत्रियों को मुख्यमंत्री पर कोई भरोसा नहीं है.’
सदन में शराब घोटाला समेत भ्रष्टाचार के मुद्दे भी उठे
कांग्रेस नेता मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने तथा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को मंत्रिमंडल से हटाकर मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल करने का वह जिक्र कर रहे थे. इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कथित शराब घोटाला समेत भ्रष्टाचार को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उनके भाषण के दौरान मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायकों ने रोक-टोक की और उनके आरोपों पर पलटवार भी किया.
विधानसभा में खूब चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने मंत्रियों से कहा कि वे बीच में टोका-टाकी न करें, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सभी को बोलने का मौका मिलेगा. बता दें कि बीजेपी के नेता सदन से लेकर सड़क तक भूपेश बघेल सरकार को घेरने में लगी है. सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगा रही है, तो कांग्रेस भी बीजेपी शासन की नाकामियां और भ्रष्टाचार गिना रही है.
लगातार 15 साल तक सत्ता में रही बीजेपी
छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. प्रदेश की विधानसभा में 91 सीटें हैं, जिसमें 90 विधायक चुनकर आते हैं और एक विधायक को मनोनीत किया जाता है. प्रदेश में लगातार 15 साल तक बीजेपी की सरकार रही थी. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे. वर्ष 2003 में अजित जोगी की सरकार को पराजित कर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनायी थी और रमन सिंह सीएम बने थे.
दिसंबर में खत्म हो रहा है छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी. इसके बाद भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. अब वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों ने सत्ता पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. भूपेश बघेल कांग्रेस की सरकार को बचाने में लगे हैं, तो बीजेपी फिर से सत्ता पर काबिज होने की कोशिशों में जुटी है. बता दें कि दिसंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.