झारखंड के इस गांव में जमीन माफिया की नो एंट्री, पारंपरिक हथियार से लैस ग्रामीणों ने सुनाया फैसला

पूर्व सिंहभूम स्थित चाकुलिया के कुलबदिया गांव के ग्रामीणों ने जमीन माफिया या इससे जुड़े लोगों के गांव में घुसने पर पाबंदी लगा दी है. पारंपरिक हथियारों से लैस होकर ग्रामीणों ने बैठक करते हुए कि भगवान बिरसा मुंडा, सिदो- कान्हू जैसे शहीद की धरती पर जमीन माफियाओं का षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे.

By Samir Ranjan | September 12, 2022 6:36 AM
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Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड के कुलबदिया गांव के ग्रामीण जमीन माफिया के खिलाफ एकजुट हो गये हैं. पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीणों ने बैठक कर एक इंच भी अपनी जमीन नहीं देने का फैसला सुनाया. इस मौके पर ग्रामीणों ने जान देंगे, पर जमीन नहीं देंगे का नारा भी लगाया.

जमीन हड़पने के षड्यंत्र को नहीं होने देंगे सफल

इस मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्य सुनाराम हांसदा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू की धरती पर जमीन हड़पने का षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे. कहा कि गांव के भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर जमीन माफिया द्वारा 2000 से 10 हजार रुपये तक की राशि दी जाती है. फिर इन पैसों के बदले उन्हें घाटशिला एसडीओ कोर्ट बुलाकर जबरन जमीन की रजिस्ट्री में हस्ताक्षर करने का दबाव दिया जा रहा है. जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

झारखंड के इस गांव में जमीन माफिया की नो एंट्री

उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि ऐसा कोई भी जमीन माफिया यदि गांव पहुंचता है, तो उन्हें बांधकर गांव में रख दिया जाए. बाद में उसे पुलिस के हवाले कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाई जाएगी. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे ग्रामीणों के साथ खड़े हैं. ग्रामीणों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. इस दौरान पारंपरिक हथियारों के साथ बैठक में मौजूद ग्रामीणों ने जान देंगे पर एक इंच भी जमीन नहीं देंगे का नारा बुलंद किया. मौके पर तरफ पारगना परमेश्वर मरांडी, वार्ड सदस्य प्राण मरांडी मांडी समेत काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद थे.

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ग्रामीणों को साजिश के तहत फंसाया

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 12-13 वर्ष पूर्व एक कंपनी द्वारा लोधाशोली के आसपास के सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीदारी की गई थी. तीन महीने पहले बहरागोड़ा के एक जमीन माफिया लोधाशोली और कुलबदिया के दो दलालों के साथ गांव पहुंचे. जमीन माफिया और दलालों ने ग्रामीणों से कहा कि 12 साल पहले जिस कंपनी द्वारा जमीन की खरीदारी की गई थी. उसका बंदोबस्ती अब तक नहीं हो पाया है. उस दौरान जिन लोगों ने जमीन बेची थी, उन्हें फिर से एक बार घाटशिला एसडीओ कोर्ट जाकर अपना हस्ताक्षर करना पड़ेगा. इसके बदले में उन्हें उस जमीन के बदले फिर से पैसे भी मिलेंगे. ऐसा कहने के बाद कुछ ग्रामीणों को जमीन माफिया द्वारा 2000 रुपये से लेकर 13000 रुपये तक एडवांस दिये. साथ ही जमीन माफिया द्वारा ग्रामीणों के दूसरे जमीन के खाता-खतियान एकत्र कर लिया गया है. अब उन्हें एडवांस देने के बदले घाटशिला आकर रजिस्ट्री करने का दबाव दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि बेचे गए जमीन के बदले में दोबारा पैसे मिलने की लालच में एडवांस की राशि ले ली. अब उनकी बची-खुची जमीन को माफिया हड़पना चाहते हैं.

जमीन माफिया के षड्यंत्र से बचाने की ग्रामीणों ने लगाई गुहार

ग्रामीण नव कुमार गोप, श्रीकांत गोप, निवारण गोप, बिन्देश्वर गोप, शशिभूषण गोप, हरिमोहन गोप, गणेश गोप, गुणाधर गोप, केशव गोप, बुलु गोप, बुद्धेश्वर गोप, भोंदा गोप, मिहिर गोप, नेतरी गोप, दिलीप गोप, भूपति गोप, बिन्दा बागाल आदि ने पूर्व जिप सदस्य सुनाराम हांसदा से जमीन माफियाओं के षड्यंत्र से बचाने की गुहार लगाई है.

रिपोर्ट : राकेश सिंह, चाकुलिया, पूर्वी सिंहभूम.

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