धनबाद के शहरी इलाकों में सार्वजनिक शौचालय नहीं, लोगों को हो रही परेशानी

धनबाद के शहरी इलाकों में शौचालयों का अभाव एक बड़ी परेशानी है. पुरुष तो किसी तरह काम चला लेते हैं, लेकिन महिलाओं को काफी दिक्कत होती है. मार्केटिंग को आनेवाली महिलाओं को शौच के लिए किसी दुकानदार के घर या मॉल में जाना पड़ता है. बावजूद इसके नगर निगम का इस ओर ध्यान नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2022 12:07 PM

Dhanbad News: धनबाद का पॉश मार्केट है बैंक मोड़. यहां लगभग 1500 छोटी-बड़ी दुकानें है. सभी बैंक का जोनल कार्यालय व बड़ी कंपनियों का कार्यालय बैंक मोड़ में है. हर दिन 10 से 15 करोड़ का कारोबार होता है. कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व मॉल भी है. इतनी बड़ी मार्केट में एक भी सुलभ शौचालय नहीं है. वर्षों पहले नगर निगम के पुराने बिल्डिंग के सामने यूरिनल बना था. आज वह खंडहर बन गया है. यूरिनल में न तो नल है और न ही सफाई की व्यवस्था. दुर्गंध ऐसी कि वहां जाने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है. मॉल के शौचालय का तो लोग इस्तेमाल करते हैं.

चेंबर की मांग पर मॉड्यूलर शौचालय लगा

बैंक मोड़ में सुलभ शौचालय के विकल्प के रूप में मॉड्यूलर शौचालय की व्यवस्था की गयी. नगर निगम के पुराने कार्यालय के सामने इसे लगाया गया. लेकिन फुटपाथ दुकानदारों द्वारा जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने के बाद दूसरे दिन मॉड्यूलर शौचालय हटा लिया गया.

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निगम चाहे तो यहां बना सकता है सुलभ शौचालय

नगर निगम की पुरानी बिल्डिंग के सामने, झरिया पुल के बगल में, तिवारी गली मार्केट के पास, खालसा स्कूल के पीछे.

पुराना बाजार में सिर्फ दो यूरिनल, दोनों खस्ताहाल

धनबाद का सबसे पुराना मार्केट है पुराना बाजार. यहां महिलाओं के लिए न तो शौचालय है और न ही यूरिनल. पुरुषों के लिए सब्जी मार्केट व रतनजी रोड में यूरिनल है, लेकिन कभी सफाई नहीं होती है. ऐसी दुर्गंध निकलती है कि लोग जाने से कतराते हैं. शौचालय के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन निगम प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गयी.

पुराना बाजार में यहां बन सकता है सुलभ शौचालय

  • जिला परिषद मार्केट के पीछे

  • रेलवे सिनेमा रोड के पीछे

  • सब्जी मार्केट में

  • रतनजी रोड के अंतिम छोर पर

  • डीएवी स्कूल के सामने

पार्क मार्केट : यूरिनल की दुर्गंध से दुकानदार व ग्राहक दोनों परेशान

विवेकानंद चौक पार्क मार्केट के पास नगर निगम का यूरिनल है. 2008 में बने इसे यूरिनल का कभी मेंटेनेंस नहीं हुआ. नल गायब है. यूरिनल की बेसिन में काई जम गयी है. महीना दो महीना में यूरिनल की सफाई होती है. इससे इतनी दुर्गंध निकलती है कि दुकानदार के साथ ग्राहक दोनों परेशान रहते हैं. चिल्ड्रेन पार्क में एक सुलभ शौचालय है. पेड शौचालय होने के कारण सफाई ठीक-ठाक रहती है. हीरापुर हटिया में एक सुलभ शौचालय है. यहां सफाई की व्यवस्था नहीं है. हालांकि यह भी पेड शौचालय है, लेकिन यहां लोग शौच के लिए जाना नहीं चाहते हैं.

लोगों ने कहा : टैक्स देते हैं तो सुविधा भी दे नगर निगम

धनबाद की हृदय स्थली है, बैंकमोड़. यहां शौचालय का नहीं होना नगर निगम पर सवाल खड़ा करता है. टैक्स मद में लाखों रुपये दिये जाते हैं, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती है. यहां दो-तीन सुलभ शौचालय की आवश्यकता है. मार्केटिंग के लिए काफी महिलाएं आती हैं. शौचालय नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी होती है. वे बाजार आना नहीं आना चाहती हैं. नगर निगम को शौचालय बनाने पर पहल करनी चाहिए. आखिर नगर निगम है किस लिए.

शौचालय की समस्या दूर करने को निगम प्रयासरत

बैंक मोड़ व पुराना बाजार में सुलभ शौचालय बनाने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है. कुछ जगह जमीन देखी गयी है. संबंधित विभाग से इसपर बातचीत कर एनओसी ली जायेगी. शौचालय की समस्या दूर करने की दिशा में नगर निगम प्रयासरत है. बैंक मोड़ में निगम के पुराने कार्यालय को तोड़कर मल्टी स्टोरी पार्किंग बनायी जा रही है.

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