समर वेकेशन में ट्रेनों में नो रूम, लखनऊ मेल समेत इन 4 ट्रेन में लगेंगे एक्स्ट्रा कोच, मिलेगी कन्फर्म सीट
बरेली जंक्शन से संचालित आला हजरत एक्सप्रेस, दिल्ली इंटरसिटी, प्रयागराज एक्सप्रेस, ऊना एक्सप्रेस और जंक्शन से गुजरने वाली सियालदह एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस, डबल डेकर, नौचंदी एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, हरिहर एक्सप्रेस, समेत सभी प्रमुख ट्रेनों में वेटिंग 200 के पार पहुंच चुकी है.
बरेली: समर वेकेशन के चलते ट्रेनों से सफर करने वाले पैसेंजर (यात्रियों) की भीड़ है. उनको ट्रेन में कन्फर्म बर्थ नहीं मिल रही हैं. बरेली जंक्शन से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेन नो रूम हो चुकी हैं. पैसेंजर को काफी कोशिश के बाद भी रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा है. इससे पैसेंजर काफी परेशान हैं.
बरेली जंक्शन से संचालित आला हजरत एक्सप्रेस, दिल्ली इंटरसिटी, प्रयागराज एक्सप्रेस, ऊना एक्सप्रेस, और जंक्शन से गुजरने वाली सियालदह एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस, डबल डेकर, नौचंदी एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, हरिहर एक्सप्रेस, देहरादून- इंदौर एक्सप्रेस, लखनऊ- दिल्ली मेल समेत सभी प्रमुख ट्रेनों में वेटिंग 200 के पार पहुंच चुकी है. इससे समर वेकेशन की छुट्टी में रिश्तेदारी, और अन्य जगहों पर घूमने का प्लान बनाने वालों का यात्रा का प्लान तक टालना पड़ रहा. अब रेलवे ने पैसेंजर की सहूलियत को ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच (अतिरिक्त यात्री बोगी) बढ़ाने का फैसला लिया है.
बरेली जंक्शन से गुजरने वाली 12429/12430 लखनऊ-दिल्ली मेल में शनिवार रात से 17 जून तक एक एसी थर्ड कोच लगाया गया है.14318/14317 देहरादून-इंदौर एक्सप्रेस में 17 जून तक एक स्लीपर कोच, 12053/12054 हरिद्वार- अमृतसर एक्सप्रेस में 14 जून तक एसी सेकंड चेयर कार और 14310/14309 देहरादून- लक्ष्मीबाई नगर एक्सप्रेस में 14 जून तक एक अतिरिक्त स्लीपर कोच लगाया जाएगा. इससे वेटिंग वाले पैसेंजर को कन्फर्म बर्थ मिल सकेगी.
सफर से पहले टिकट के कोड का रखें ख्याल
अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो तो टिकट के कोड का ध्यान जरूर रखें. क्योंकि हर बार बुकिंग करने पर कंफर्म टिकट ही मिले. ऐसा जरूरी नहीं है. मगर कुछ वेटिंग लिस्ट वाले टिकट बड़ी ही आसानी से कंफर्म हो जाते हैं, लेकिन कुछ टिकट कंफर्म होने के बजाए कैंसिल हो जाते हैं.अगर,आपको भी चार्ट बनने से पहले जानना है कि आपका ट्रेन टिकट कंफर्म होगा या नहीं तो वेटिंग टिकट पर मौजूद कुछ कोड आपको ध्यान से देखना चाहिए. इससे आपको अंदाजा लग जाएगा कि आपके वेटिंग टिकट का क्या हाल है.
RAC टिकट के कंफर्म होने की संभावना सबसे अधिक
अगर आपको RAC (आरएसी) टिकट इश्यू हुआ है तो इसका मतलब है कि टिकट कंफर्म न होने पर भी आप सफर कर सकते हैं, लेकिन इसमें एक बर्थ दो लोगों में बांट दी जाती है. इसका मतलब होता है कि आपको बैठने की जगह तो मिल जाएगी. लेकिन चैन से सोने की जगह नहीं मिलेगी. RAC टिकट के कंफर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है. वेटिंग लिस्ट में सबसे कॉमन कोड होता है. GNWL (जनरल वेटिंग लिस्ट) ये टिकट ट्रेन जहां से शुरू होती है. उस स्टेशन के लिए जारी किया जाता है.
GNWL के कंफर्म होने की उम्मीद सबसे अधिक होती है. क्योंकि जहां से ट्रेन शुरू होती है, वहां सबसे ज्यादा बर्थ मौजूद रहती हैं. RLWL(रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट) पैसेंजर्स को ये वेटिंग टिकट तब दिया जाता है. जब टिकट पहले और आखिरी स्टेशन को छोड़कर बीच में किसी दो स्टेशन के लिए बुक किया जाता है. GNWL की तुलना में इन टिकट के कंफर्म होने की उम्मीद कम होती है. क्योंकि बीच के स्टेशनों के लिए कोई कोटा नहीं होता है.
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PQWL (पुल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट) किसी लंबी दूरी की ट्रेन में बीच के स्टेशनों पर चढ़ने वाले पैसेंजर्स को दिया जाता है. इस टिकट के भी कंफर्म होने की उम्मीद बहुत कम होती है. तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट (TQWL) इसके नाम से ही जाहिर है कि तत्काल बुकिंग में कंफर्म टिकट न मिलने वालों को दिया जाता है. ऐसे टिकट के कंफर्म होने की उम्मीद न के बराबर होती है. क्योंकि रेलवे के पास इसके लिए अलग से कोटा नहीं होता है. इसमें पैसेंजर्स के टिकट कैंसिल कराने की उम्मीद भी न के बराबर होती है. RSWL (रोड साइड स्टेशन वेटिंग लिस्ट) कोई टिकट ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से उसके पास पड़ने वाले स्टेशनों के लिए टिकट बुक कराया जाता है.तब उस टिकट पर RSWL कोड लिखा जाता है. ऐसे टिकट की भी कन्फर्म होने की उम्र काफी कम होती है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली