Noida Twin Tower: ध्वस्त होने वाली इंडिया की सबसे ऊंची इमारत, धमाके से पहले ट्रैफिक एडवायजरी जारी
Noida Twin Tower Demolition पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट करने की पूरी तैयारी कर ली है. जिस दिन ट्विन टावर को ध्वस्त किया जाएगा, तब कई रास्ते गूगल मैप पर बंद कर दिए जाएंगे, उन रास्तों पर ट्रैफिक की आवाजाही रुक जाएगी.
Noida Twin Tower Demolition :नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने (Demolition) की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. 28 अगस्त को दोनों अवैध टावरों को गिरा दिया जाएगा. टीम घ्वस्तीकरण (Demolition) के दिन यानी 28 अगस्त को थर्मल कैमरे, हाई स्पीड कैमरे और अन्य हाईटेक मशीनों के जरिए टावर की निगरानी की जाएगी. टावर को गिराने को लेकर चल रही अन्य तैयारियों के साथ ट्रैफिक डायवर्जन का भी पूरा प्लान बन गया है.
UP | Chetan Dutta, who will press the button that will demolish Supertech Twin Towers in Sector 93A, Noida on Aug 28th, says "It's a simple process; we generate current from dynamo & then press the button which will ignite the detonators in all shock tubes within 9 secs." (25.08) pic.twitter.com/yypgab8wSb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 25, 2022
जानकारी आ रही है उसके मुताबिक पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट करने की पूरी तैयारी कर ली है. जिस दिन ट्विन टावर को ध्वस्त किया जाएगा, तब कई रास्ते गूगल मैप पर बंद कर दिए जाएंगे, उन रास्तों पर ट्रैफिक की आवाजाही रुक जाएगी. पुलिस कमिश्नरेट, गौतमबुद्धनगर की ओर से डायवर्जन को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है ताकि उस दिन आमजन को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. लोगों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
ऐसे रहेगा रूट डायवर्जन
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एटीएस तिराहा से गेझा फलध्सब्जी मण्डी तिराहा तक मार्ग.
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एल्डिको चौक से सैक्टर 108 की ओर डबल मार्ग व सर्विस रोड.
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श्रमिक कुंज चौक से सैक्टर 92 रतिराम चौक तक डबल मार्ग.
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श्रमिक कुंज चौक से सैक्टर 132 की ओर फरीदाबाद फ्लाई ओवर.
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सैक्टर 128 से श्रमिक कुंज चौक तक फरीदाबाद फ्लाई ओवर.
सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने वाले बटन को दबाने वाले चेतन दत्ता ने बताया कि यह एक सरल प्रक्रिया है; हम डायनेमो से करंट उत्पन्न करते हैं और फिर बटन दबाते हैं जो सभी शॉक ट्यूबों में डेटोनेटर को प्रज्वलित करेगा. हम इमारत से लगभग 50-70 मीटर दूर होंगे, कोई खतरा नहीं होगा और हमें पूरा यकीन है कि इमारत सही तरीके से ढह जाएगी. उन्होंने बताया कि ब्लास्टिंग क्षेत्र लोहे की जाली की 4 परतों और 2 परतों से ढका हुआ है. इसलिए कोई मलबा नहीं उड़ेगा लेकिन धूल उड़ सकती है.