Nokia Layoffs: टेक जायंट नोकिया एक बार फिर से अपने कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से जो जानकारी सामने आयी है उससे पता चलता है कि इस बार कंपनी करीबन 14,000 कर्मचारियों को बाहर का रस्ता दिखाने वाली है. इस छंटनी से पहले Nokia ने इसकी घोषणा भी कर दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें अगर कंपनी इन 14,000 कर्मचारियों को काम से निकाल देती है तो यह कंपनी में काम कर रहे कुल कर्मचारियों का 16 प्रतिशत होगा. सामने आयी जानकारी के अनुसार कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि, तीसरे क्वार्टर की सेल्स और प्रॉफिट में गिरावट के बाद कॉस्ट कम करने के लिए कंपनी ने यह कदम उठाया है. रिपोर्ट्स की अगर माने तो इस छंटनी के बाद कंपनी ने काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या 72,000 से लेकर 77,000 के बीच रह जाएगी. यह आंकड़े फिलहाल 86,000 के आसपास हैं. अगर आप नहीं जानते हैं तो बता दें कंपनी का जो फाइनेंशियल ईयर होता है वह जनवरी से लेकर दिसंबर के बीच चलता है. टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी Nokia ने अपने कॉस्ट कटिंग प्लान को भी रिलीज कर दिया है. केवल यहीं नहीं, मामले पर बात करते हुए कंपनी ने यह भी बताया कि, इस कदम को उठाने के पीछे उनका मकसद मार्केट की मौजूदा अनिश्चितता से निपटने के लिए’ उसके कॉस्ट बेस को कम करना और ऑपरेटिंग एफिशियंसी में सुधार करना है.
मामले की जानकारी देते हुए Nokia ने बताया कि, कंपनी का मकसद साल 2026 के अंत तक अपने कॉस्ट बेसिस में 80 करोड़ यूरो से 1.2 अरब यूरो के बीच कमी लाना है. रेवेन्यू के हिसाब से अगर देखा जाए तो कंपनी की सबसे बड़ी यूनिट मोबाइल नेटवर्क कारोबार की आमदनी 24 प्रतिशत घटकर 2.16 अरब यूरो पर आकर ठहर गयी है. नोकिया द्वारा जारी किये गए एक बयान के अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि कंपनी काफी धीमी रफ़्तार से इस प्रोग्राम को लागू करेगी और साल 2024 के लिए कम से कम 400 मिलियन यूरो की एक्सपेक्टेड सेविंग्स कर पाएगी. वहीं, साल 2025 में कंपनी एडिशनल 300 मिलियन यूरो की बचत करेगी. पिछले साल से अगर इसकी तुलना की जाए इस क्वार्टर में कंपनी की नेट सेल्स में काफी ज्यादा कमी देखने को मिली है. सेल्स 6.24 बिलियन यूरो से घटकर 4.98 बिलियन यूरो पारकर रुक गयी है. LSEG पोल्स की माने तो कंपनी को यह 5.67 बिलियन योरि होने की उम्मीद थी.
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Nokia के सीईओ ने इस छंटनी के बारे में बात करते हुए बताया कि, तीसरे क्वार्टर के दौरान आयी मुश्किलों को स्वीकार करते हुए कहा कि, कॉस्ट-बेस को रिसेट करना एक काफी जरूरी कदम है ताकि मार्केट में चल हे अनसेरटेनिटी से निपटना और लॉन्ग टर्म प्रॉफिट रख सकें. आगे बताते हुए उन्होंने बताया कि यह फैसले काफी कठिन व्यावसायिक हैं और ऐसा होने से हमारे लोग भी काफी प्रभावित होते है. Nokia में हमारे पास बेहद प्रतिभावान कर्मचारी है और इस छंटनी में जिन भी कर्मचारिईन पर असर पड़ेगा हम उनका साथ जरूर देंगे.