Indian Railways News: झारसुगुड़ा में नॉन इंटरलॉकिंग वर्क शुरू, 15 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ट्रेनें

jharkhand news: हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग में ट्रेनों की आवाजाही आसान करने व अधिक रेल गाड़ियों का परिचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से झारसुगुड़ा में नॉन इंटरलॉकिंग वर्क शुरू हो गया. इससे ट्रेनों के स्पीड पर असर पड़ा है. यहां ट्रेन 15 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2021 10:04 PM

IRCTC/Indian Railways News: चक्रधरपुर रेल मंडल (Chakradharpur Railway Division) के हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग में ट्रेनों की आवाजाही आसान करने व अधिक रेल गाड़ियों का परिचालन सुनिश्चित करने के लिये झारसुगुड़ा रेलवे यार्ड में नॉन इंटरलॉकिंग (NI) वर्क शुरू हो गया. आगामी 5 दिसंबर तक झारसुगुड़ा यार्ड में नॉन इंटरलॉकिंग वर्क होना है. इस वर्क के तहत थर्ड लाइन को झारसुगुड़ा गुड्स यार्ड व पैसेंजर यार्ड से जोड़ा जायेगा. एनआई वर्क के साथ-साथ हावड़ा-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों का संरक्षित व सुरक्षित संचालित हो रहा है.

बगैर संकेत के मैनुअल ऑर्ब्जवेशन पर चल रही है ट्रेनें

झारसुगुड़ा यार्ड में एनआई वर्क के कारण ट्रैक व सिग्नलिंग का समन्वय समाप्त हो गया है. जिससे झारसुगुड़ा में बगैर संकेत के मैनुअल गाड़ियां चल रही है. मैनुअल तरीके से क्लैंप कर व रूट सेट की जा रही है. जिसको लेकर रेलवे ने गाड़ियों का परिचालन कम कर दिया है. जबकि झारसुगुड़ा यार्ड के 8 किमी दायरे में पैसेंजर यार्ड में 5 व गुड्स यार्ड में 5 गुमटी बनायी गई है.

इन गुमटी से ट्रेनों का मेनुअल परिचालन संबंधित कार्य को रेलकर्मी ऑवर्जेशन व देखकर क्लैंप व रुट सेट कर रहे हैं. जिसके लिये ट्रेन निरीक्षक, स्टेशन मास्टर, प्वाइंटस मैन समेत एक पाली में करीब डेढ़ सौ रेलकर्मियों को ड्यूटी में लगाया गया.

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15 किमी प्रति घंटे गति से चली ट्रेनें

झारसुगुड़ा रेलवे यार्ड में एनआई से हावड़ा व मुंबई की ट्रेनें भी प्रभावित हो रही है. सांकेतिक प्रणाली फेल होने व मैनुअल ट्रेनों को संचालित करने के कारण झारसुगुड़ा मेन लाइनों व यार्ड में ट्रेनों की रफ्तार 15 किमी प्रति घंटे की गयी है. जिससे 8 किमी यार्ड से गुजरने में ट्रेनें करीब आधा घंटा तक प्रभावित हो रही है.

ट्रैक क्षमता के साथ अधिक गाड़ियों का परिचालन होगा संभव

रेल प्रशासन द्वारा किये जा रहे इस प्रयास से जहां ट्रैक क्षमता बढ़ेगी, वहीं अधिक गाड़ियों का परिचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा. वहीं गाड़ियों के समय पालन पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकेगा. मालूम रहे कि विगत माह केंद्रीय रेलमंत्री ने झारसुगुड़ा में इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग का निरीक्षण किया था.

रिपोर्ट: शीन अनवर, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम.

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