Loading election data...

Sambalpur Violence: केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू समेत BJP नेताओं को हिरासत में लेने पर कलेक्टर, SP को नोटिस

संबलपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू समेत अन्य भाजपा नेताओं को हिरासत में लेने पर जिला कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस जारी कर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने संबलपुर जिला कलेक्टर और एसपी से 15 दिनों के भी रिपोर्ट मांगी है.

By Jaya Bharti | May 6, 2023 1:03 PM

Sambalpur Violence Case: ओडिशा के संबलपुर शहर में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हुआ हिंसा मामला अभी शांत नहीं हुआ है. इस हिंसा के बाद केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू, बारगढ़ के सांसद सुएश पुजारी और राज्य के भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल सहित भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया था. इसे लेकर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने संबलपुर जिला कलेक्टर और एसपी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया.

हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे मंत्री और नेता

केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू, बरगढ़ के सांसद सुएश पुजारी, और राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल सहित अन्य भाजपा नेताओं को उस वक्त हिरासत में लिया गया था, जब वे 18 अप्रैल को संबलपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे. उन्हें थेलकोली में संबलपुर पुलिस ने हिरासत में लिया था.

केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने क्या कहा

मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने कहा कि जिला प्रशासन को दौरे के संबंध में पहले ही सूचना दी गई थी, लेकिन फिर भी पुलिस ने टीम को रोका. उन्होंने कहा, “हमें शहर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया, जबकि दंगाई स्वतंत्र रूप से चले गए.”

Also Read: Odisha News: संबलपुर में हिंसा प्रभावित छह थाना क्षेत्रों में से दो से कर्फ्यू हटाया

सांसद ने लगाया प्रशासन पर आरोप

वहीं, सांसद सुएश पुजारी ने कहा, “जिला कलेक्टर के पास कोई अधिकार नहीं है. जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है, तो सभी को काम के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी जाती है, लेकिन पुलिस ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के लिए कर्फ्यू में ढील नहीं है. यह अवैध है.” हालांकि, एसपी ने स्वीकार किया कि पथराव पूर्व नियोजित था, लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

मंत्रालय ने 15 दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट

हिरासत में लिए जाने के बाद, भाजपा सांसद पुजारी, जुआल उरांव और बसंत पांडा ने संबलपुर के एसपी और जिला कलेक्टर पर लोकसभा अध्यक्ष के सामने विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी.

Next Article

Exit mobile version