रांची : हिंदी के अप्रतिम कवि, कहानीकार, उपन्यासकार रणेंद्र को वर्ष 2020 का ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान’ दिया जाएगा. रणेंद्र यह सम्मान पाने वाले झारखंड के पहले साहित्यकार हैं. उन्हें यह सम्मान मिलने पर झारखंड प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव मिथिलेश, कथाकार पंकज मित्र, आलोचक अजय वर्मा, कवि प्रवीण परिमल, डॉ परवेज हसन आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है.
झारखंड प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव मिथिलेश ने कहा कि रणेंद्र को यह सम्मान मिलना झारखंड के लिए बड़ा सम्मान है. रणेंद्र ने झारखंड के जनजीवन और उसके सरोकारों को परिधि से साहित्यिक विमर्श के केन्द्र में स्थापित किया, जिससे झारखंड की साहित्यिक प्रतिष्ठा में अपार वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि आदिवासी विमर्श को सर्वाधिक गति उनके उपन्यास ‘ग्लोबल गांव के देवता’ से मिली.
उन्होंने कहा कि रणेंद्र ने कहानी, उपन्यास के साथ ही कविताएं भी लिखी हैं. उनके साहित्य में हमेशा हाशिए के प्रति अपर संवेदना दिखती है. यही वजह है कि उनकी रचनाशीलता समय समय पर सम्मानित भी होती रही है. श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान पाने वाले 10वें और झारखंड के पहले साहित्यकार हैं. यह और भी खुशी की बात है.
प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) से रणेंद्र का जुड़ाव लंबे समय से रहा है. इसलिए, यह प्रलेस के लिए भी गौरव की बात है. हमें विश्वास है कि रणेंद्र आनेवाले दिनों में और शिद्दत से साहित्य रचते हुए दलित, आदिवासी एवं हाशिए के अन्य समुदायों के जीवन और संघर्ष को अभिव्यक्ति देते रहेंगे.
Posted By : Vishwat Sen