WB News : अब बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बिकेंगी एंटीबायोटिक दवाएं, राज्य स्वास्थ्य विभाग हुआ सख्त
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दवा दुकानों में बिना प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री प्रतिबंध लगाने और ऐसे दवाओं के इस्तेमाल पर रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है. स्वास्थ्य विभाग ने पशु संसाधन विकास विभाग, मत्स्य विभाग, एंटीबायोटिक प्रतिरोध समिति के साथ बैठक की.
पश्चिम बंगाल में एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic medicines) का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल गंभीर समस्या बनती जा रही है. लोग बिना किसी खास जरूरत व बिना डॉक्टरी सलाह के इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने डॉक्टर की पर्ची के बिना एंटीबायोटिक दवाइयां बेचने पर रोक लगा दी है. सरकार ने यह मानते हुए यह कदम उठाया है कि एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग और जरूरत से ज्यादा सेवन से मरीजों पर दवा का असर कम या खत्म हो रहा है. एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक इस्तेमाल से शरीर में मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस बैक्टीरिया (एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस) की समस्या हो सकती है.
चिकित्सकीय सलाह के बैगर एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर रोक
इससे इलाज का खर्च तो बढ़ता ही है, साथ ही मरीज की जान को खतरा भी रहता है. ऐसे में चिकित्सकीय सलाह के बैगर एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दवा दुकानों में बिना प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री प्रतिबंध लगाने और ऐसे दवाओं के इस्तेमाल पर रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है. स्वास्थ्य विभाग ने पशु संसाधन विकास विभाग, मत्स्य विभाग, एंटीबायोटिक प्रतिरोध समिति के साथ बैठक की.
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बैठक में लिये गये फैसले पर एक नजर
1. दवा दुकानों में बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री रोकने के लिए सतर्कता बढ़ायी जायेगी
2. कृषि, मत्स्य पालन और पोल्ट्री फार्मों में एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध उपयोग पर लेगा विराम
3. इन मामलों में विशेष निगरानी रखी जायेगी, ग्रामीण इलाकों में भी नजरदारी बढ़ायी जायेगी
4. हर महीने समीक्षा बैठक आयोजित होगी, जहां स्वास्थ्य विभाग, पशु संसाधन विकास विभाग और मत्स्य पालन विभाग द्वारा रिपोर्ट पेश की जायेगी.