Loading election data...

हजारीबाग के बड़कागांव मध्य पंचायत में ODF का उड़ रहा मजाक, आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग

हजारीबाग जिला के बड़कागांव स्थित मध्य पंचायत खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित है. इसके बावजूद आज भी दर्जनों ऐसे घर हैं जहां के ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं. इस मसले पर पंचायत प्रतिनिधियों की अपनी अलग-अलग ही राय है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2021 5:53 PM

Jharkhand News (संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग) : झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड के मध्य पंचायत को वर्ष 2018 में खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित किया गया था. लेकिन, हकीकत इससे काफी दूर है. इस पंचायत में दर्जनों ऐसे घर हैं जहां शौचालय बना ही नहीं. यहां के लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

बड़कागांव मध्य पंचायत के अधिकांश लोग तरीवा नदी के अलावा झरिवा नदी, पीपल नदी एवं खेतों के झाड़ियों का शौच के लिए सहारा लेते हैं. इस पंचायत को खुला शौच मुक्त घोषित किये जाने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. इस संबंध में भुइयां टोली निवासी बिला देवी का कहना है कि मुखिया से लेकर पंचायत सेवक तक 5 साल तक चक्कर लगाया, लेकिन आज तक घर में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ. 8 परिवारिक सदस्य आज भी बाहर शौच जाने को मजबूर हैं.

वहीं, एतवरिया मोसोमात (पति स्वर्गीय गणेश राम) का कहना है कि चार-पांच साल पहले शौचालय निर्माण के लिए आवेदन दिये हैं, लेकिन अब तक शौचालय नहीं बना है. बिहारी राम का कहना है कि शौचालय नहीं बनने के कारण खुले में शौच जाने को मजबूर है. संतोष भुइयां का कहना है कि पंचायत से लेकर ब्लॉक तक चक्कर लगा चुका हूं, लेकिन शौचालय नहीं मिला.

Also Read: झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज के लिए अलग से कमरा आवंटित होगा या नहीं, 7 सदस्यीय कमेटी करेगी फैसला
इन ग्रामीणों का नहीं बना शौचालय

बड़कागांव के मध्य पंचायत के इन गामीणों के घरों में अब तक शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है. इसमें बिहारी राम, डेगन राम, कौलेश्वर राम, अनिल राम, नरेश राम, सरिता देवी, बिला देवी, धीरंजन राम, दीपू राम, संतोष भुइयां, सुरेंद्र राम, सुजीत राम, कुम्हार मोहल्ला के खेमलाल प्रजापति, झबिया मोसोमात, मुरारी प्रजापति, जागो प्रजापति, मागो प्रजापति, लखन प्रजापति, अशोक राणा, कामेश्वर राणा, लटारी राणा समेत दर्जनों लोगों का शौचालय नहीं है. इन लोगों की अपनी जमीन है, लेकिन शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है.

क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि

इस संबंध में मुखिया मीरा देवी का कहना है कि अधिकांश लोगों का शौचालय बन गया है. जिन लोगों की जमीन नहीं है, उन लोगों का ही शौचालय नहीं बना है. वहीं, पंचायत समिति सदस्य सरिता देवी का कहना है कि बड़कागांव के अधिकांश दलित व ओबीसी वर्ग के पास अपनी जमीन है, लेकिन पैसे के अभाव में शौचालय नहीं बना पा रहे हैं.

इसके अलावा उप मुखिया ममता शर्मा का कहना है कि खुला शौच मुक्त पंचायत घोषित करना मध्य पंचायत के निवासियों के साथ अन्याय है. आज भी सैकड़ों लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. जिनका नहीं बना है स्वच्छता विभाग से उनके घरों में शौचालय बनाया जायेगा.

Also Read: Tata Steel Trade Apprentice 2021 : 10 सितंबर को होगी ऑनलाइन परीक्षा, परीक्षार्थी ऐसे दे पायेंगे एग्जाम

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version