नवीन पटनायक की कैबिनेट मंत्री प्रमिला मलिक ने दिया इस्तीफा, विधानसभा अध्यक्ष के लिए भरा नामांकन

ओडिशा को पहली महिला स्पीकर मिलने जा रही है. बीजू जनता दल की सीनियर लीडर और लगातार छह बार विधायक रह चुकीं प्रमिला मलिक ने स्पीकर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. कल उनका निर्विरोध चुना जाना तय है, क्योंकि विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार नहीं दिया है.

By Mithilesh Jha | September 21, 2023 3:25 PM

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कैबिनेट मंत्री प्रमिला मलिक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बीजू जनता दल (बीजद) की वरिष्ठ महिला विधायक ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ओडिशा विधानसभा के स्पीकर के पद के लिए नामांकन दाखिल किया. विधानसभा सचिव के पास जाकर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया. इस अवसर पर राज्य सरकार के कई मंत्री उनके साथ मौजूद थे. वह नवीन पटनायक की सरकार में राजस्व मंत्री थीं. नामांकन पत्र भरने से पूर्व उन्होंने नवीन निवास जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात भी की. बता दें कि बुधवार शाम को बीजद की ओर से स्पीकर पद के लिए उनके नाम की घोषणा की गई थी. प्रमिला का इस पद के लिए निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है. यदि ऐसा होता है, तो ओडिशा विधानसभा के इतिहास में पहली बार कोई महिला विधानसभा की अध्यक्ष होंगी. ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव शुक्रवार (22 सितंबर) को सुबह साढ़े नौ बजे से है. इससे एक दिन पहले प्रमिला ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया.


2019 में सूर्य नारायण पात्र बने थे स्पीकर, 2022 में दे दिया इस्तीफा

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के बाद सूर्य नारायण पात्र विधानसभा अध्यक्ष चुने गए थे. जून 2022 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद विक्रम केसरी आरुख को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था. मई 2023 में आरुख ने भी अपने पद से त्यागपत्र देकर मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. उस दिन से यह पद रिक्त था.

1990 में पहली बार विधायक बनीं प्रमिला मलिक

प्रमिला मलिक पहली बार वर्ष 1990 में विधानसभा की सदस्य बनीं थीं. वर्ष 2000 के बाद वह लगातार पांच बार विधायक बनीं. उन्होंने इससे पहले ओडिशा सरकार के विभिन्न विभागों में मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. सदन में पूर्ण बहुमत होने की वजह से सत्तारूढ़ बीजद प्रमिला मलिक के इस प्रतिष्ठित पद पर आसीन होने को लेकर आश्वस्त है. सत्तारूढ़ दल के पास 113 विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदन में 22, कांग्रेस के नौ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक और एक निर्दलीय विधायक हैं. सूर्य नारायण पात्रो के निधन के बाद एक सीट खाली है.

विपक्षी दल नहीं देंगे प्रमिला मलिक के खिलाफ उम्मीदवार

सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दल प्रमिला मलिक के खिलाफ किसी उम्मीदवार को नहीं उतारेंगे, क्योंकि उनके पास जरूरी संख्या में विधायक नहीं हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद प्रमिला मलिक ने कहा, ‘अध्यक्ष पद के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामित करने के लिए मैं बीजद अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहुत आभारी हूं. अध्यक्ष होने के नाते मैं सभी सदस्यों को साथ लेकर चलने व सदन के सुचारु कामकाज को सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगी.’

बिंझार विधानसभा सीट से विधायक हैं प्रमिला

जाजपुर जिले की बिंझार विधानसभा सीट (अनुसूचित जाति) का प्रतिनिधित्व करने वाली मलिक से जब पूछा गया कि क्या वह अध्यक्ष बनने के लिए मंत्री पद छोड़ने पर खुश हैं, तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले से वास्तव में बहुत खुश हूं. मैं ओडिशा की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनूंगी.’ प्रमिला मलिक ने कहा कि खुद बीजद अध्यक्ष द्वारा विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनका नामांकन महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में 30 फीसदी महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. अब उन्होंने स्पीकर पद के लिए भी एक महिला को नामित किया है.

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