21 को नहीं, अब 22 को होगा ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, जानें क्यों बदली तारीख

बीजेपी विधायक नाउरी नायक ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार से तिथि बदलने की मांग करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. इस कारण बीजेपी ने इस चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. दोनों विपक्षी पार्टियों के बहिष्कार की चेतावनी के बाद इस तिथि में परिवर्तन किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 17, 2023 2:29 PM

ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अब 21 की बजाय 22 सितंबर को होगा. नुआखाई पर्व के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का विपक्षी दलों ने विरोध किया था. इसके बाद यह फैसला लिया गया. नयी तिथि के मुताबिक, अब 21 को नामांकन पत्र भरे जायेंगे, जबकि 22 को सुबह 9:30 बजे से चुनाव होगा. नुआखाई पश्चिम ओडिशा का एक बड़ा त्योहार है. इसे धूमधाम से दो दिनों तक मनाया जाता है. यही वजह है कि 21 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा के बाद इसका विरोध किया गया था. सबसे पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कांग्रेस द्वारा विधानसभा अध्यक्ष चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने 21 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित की है. इसका विरोध करने के बाद भी राज्य सरकार पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार का पश्चिम ओडिशा के लोगों की भावनाओं के प्रति किसी प्रकार का आदर भाव नहीं है. इस कारण कांग्रेस इसका बहिष्कार करेगी.

नुआखाई के कारण कांग्रेस व बीजेपी ने किया था विरोध

इधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी नुआखाई के कारण इस तिथि में चुनाव कराये जाने का विरोध किया था. बीजेपी विधायक नाउरी नायक ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार से तिथि बदलने की मांग करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. इस कारण बीजेपी ने इस चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. दोनों विपक्षी पार्टियों के बहिष्कार की चेतावनी के बाद इस तिथि में परिवर्तन किया गया है.

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ओडिशा में विधानसभा अध्यक्ष का पद मई माह से खाली

इससे पहले गत 31 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 21 सितंबर को होने के संबंध में घोषणा की गयी थी. मई माह में बिक्रम केसरी आरूख ने विधानसभा अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया गया तथा उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इसके बाद से ही विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है.

एक साथ चुनाव कराने को लेकर पहली बैठक 23 को

देश में एक साथ चुनाव कराने पर गौर करने और सिफारिशें करने के लिए उच्चस्तरीय समिति के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि समिति की पहली बैठक 23 सितंबर को होगी. सरकार ने दो सितंबर को लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर गौर करने और सिफारिश करने के लिए आठ सदस्यीय समिति को अधिसूचित किया था.

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