ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले की प्रसिद्ध मिठाई ‘रसबली’ को जीआइ (भौगोलिक उपदर्शन) टैग प्राप्त हुआ है, जिससे मिठाई निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री, चेन्नई ने मिठाई को जीआइ टैग प्रदान किया, जिसे लोकप्रिय रूप से ‘केंद्रपाड़ा रसबली’ के नाम से जाना जाता है. केंद्रपाड़ा रसबली मिष्ठान निर्माता संघ और ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास एवं रोजगार विभाग ने रसबली के वास्ते जीआइ टैग देने के लिए आवेदन किया था और रजिस्ट्री में आवश्यक दस्तावेज जमा किये थे. ओडिशा के केंद्रपाड़ा रसबली की उत्पत्ति यहां के 262 साल पुराने श्री बालादेवजी मंदिर से हुई है. मंदिर के इष्टदेव को रसबली ‘भोग’ के रूप में चढ़ाया जाता है. बालादेवज्यू मंदिर के कार्यकारी अधिकारी बलभद्र पत्री ने कहा कि रसबली मंदिर में मुख्य भोगों में से एक है, जिसका निर्माण 1761 में ओडिशा में मराठा शासन के दौरान किया गया था. केंद्रपाड़ा रसबली निर्माता संघ के अध्यक्ष वैष्णव पांडा ने कहा, जीआइ टैग मिलना मिठाई निर्माताओं के लिए एक प्रोत्साहन है. यह उत्पाद की विशिष्ट पहचान के लिए काफी अहम है. मिठाई की पहचान बढ़ेगी, यहां रसबली बेचने वालों को मदद मिलेगी. केंद्रपाड़ा रसबली मिष्ठान निर्माता संघ ने मिठाई के लिए जीआइ टैग का दावा करने के मद्देनजर 2021 में एक डोजियर तैयार किया था.
अब बाजार में और अधिक प्रसिद्धि मिलेगी
मुंह में पानी ला देने वाली इस स्वादिष्ट मिठाई में पनीर की गहरी तली हुई चपटी लाल-भूरी पैटीज होती हैं, जिसे गाढ़े और मीठे दूध में भिगोया जाता है. रसबली देश की सबसे स्वादिष्ट मिठाइयों में से एक है. लेकिन खराब प्रचार और निर्यात सुविधाओं के कारण इसका विपणन ठीक से नहीं हो पा रहा है.जीआइ टैग मिलने पर खुशी जताते हुए केंद्रपाड़ा के रसबली निर्माता सौरी साहू ने कहा कि यह अनूठी मिठाई अब बाजार में और अधिक प्रसिद्धि हासिल करेगी. इसके अलावा, टैग निर्माताओं को सर्वोत्तम लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा.
ओडिशा के लिए गर्व की बात : नवीन पटनायक
रसबली मिठाई को जीआइ टैग मिलने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. नवीन पटनायक ने कहा है कि केंद्रपाड़ा रसबली के लिए जीआइ टैग मिलना ओडिशा के लिए गर्व की बात है. रसबली का ओडिशा की खानपान संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व है.