ओड़िशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के बेपटरी होने और एक मालगाड़ी के टकराने से जुड़े त्रिपक्षीय भीषण रेल हादसे में कम-से-कम 71 लोगों की मौत हो गयी. 350 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. रेल अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले हावड़ा जा रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गये और दूसरी पटरी पर जा गिरे.
पटरी से उतरे ये डिब्बे शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गये और इसके डिब्बे भी पलट गये. कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद सामने से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गये. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गयीं. मालगाड़ी के भी कई डब्बे बेपटरी हो गये. घटना के बाद घायल यात्रियों की चीख-पुकार मच गयी. पटरी से उतरे डिब्बों में फंसे लोगों को बचाने के लिए पहले स्थानीय लोग आगे आये. एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंचीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और हादसे एवं बचाव कार्य की जानकारी ली.
कोलकाता. शालीमार-चेन्नई एक्सप्रेस में सफर कर रहे गौतम मुखोपाध्याय के मुताबिक अचानक जोरदार आवाज हुई और उसके साथ ही बोगिंयां एक दूसरे के ऊपर खिलौनों की तरह चढ़ गयीं. ऐसा लगा कि कोई भूकंप आया हो. वे एकदम सिहर उठे. गौतम गर्मी की छुट्टियों के बाद परिवार के साथ भुवनेश्वर जा रहे थे. उनका रिजर्वेशन शालीमार-चेन्नई एक्सप्रेस की ए-1 बोगी में था.
साइड अपर और लोवर बर्थ उनका आरक्षित था. आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि घटना के बाद ट्रेन के अंदर लोगों की चीख-पुकार मच गयी. भगवान की दया से वे और उनकी पत्नी सुरक्षित बचे. किसी तरह से वे ट्रेन के बाहर आ सके.
घटना में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. बताया जा रहा है कि पलटी हुई बोगियों में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोगियां इस तरह से आपस में एक दूसरे के अंदर घुस गयी थीं कि कई को तो निकाला ही नहीं जा सका. सबसे ज्यादा नुकसान शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की आगे की जनरल बोगियों को हुआ है. आगे की जनरल बोगियां यात्रियों से खचाखच भरी थीं.