ओडिशा रेल हादसा : ट्रेन की दो बोगियों के बीच 5 घंटे तक फंसा रहा रवि, दोस्त के साथ कमाने के लिए जा रहा था केरल
ओडिशा में हुए रेल हादसे ने सभी को झंकझोर कर रख दिया है. हादसे के बाद आ रही तस्वीरें काफी दर्दनाक हैं. इसी हादसे का शिकार उत्तर 24 परगना जिले के दो दोस्त भी हुए. उसमें से एक ट्रेन की दो बोगियों के बीच 5 घंटे तक फंसा रहा. दोनों दोस्त कमाने के लिए केरल जा रहे थे.
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं, घायलों का भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. घायलों में उत्तर 24 परगना जिले के श्यामनगर के दो दोस्त भी हैं.
कमाने के लिए जा रहे थे केरल
दोनों कमाने के लिए केरल जाने के लिए निकले थे. चेन्नई पहुंचने के बाद फिर वहां से केरल के लिए रवाना होते, लेकिन इसके पहले ही शुक्रवार को हुए हादसे में भाटपाड़ा नगरपालिका के वार्ड नंबर 28 के श्यामनगर राहुता के नूतन पल्ली निवासी रवि विश्वास और बीआरएस कॉलोनी निवासी संजय दत्त बुरी तरह से जख्मी हो गये. रवि का इलाज मेदिनीपुर के एक अस्पताल में और संजय का कोलकाता के एक अस्पताल में चल रहा है.
दो बोगियों के बीच फंस गया था रवि
जख्मी रवि की दीदी मली नंदी विश्वास ने बताया कि रात को पिता ने फोन कर बताया कि भाई ट्रेन दुर्घटना में जख्मी है. खबर मिलते ही वह अपने ससुराल से तुरंत अपने घर लौट आयी. जख्मी रवि को बालासोर से मेदिनीपुर के एक अस्पताल में रेफर किया गया है. अभी उसकी हालत गंभीर है. वह कुछ बोल भी नहीं पा रहा है. उसकी दीदी का कहना है कि दुर्घटना के बाद वह दो बोगियों के बीच फंस गया था. करीब पांच घंटे तक फंसा रहा. फिर उसे निकाल कर अस्पताल ले जाया गया.
सकुशल घर लौट आये, बस यही कामना- परिजन
रवि के परिजन चाहते हैं कि वह सकुशल घर लौट आये. वहीं, रवि के रिश्तेदार संजीव हाल्दार ने कहा कि वह पांच साल से काम कर रहे थे. पूजा में आये थे, लेकिन फिर वापस नहीं गये थे. शुक्रवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस से रवाना हुए थे. वहीं, इस ट्रेन हादसे में श्यामनगर के राहुता के बीआरएस कॉलोनी निवासी संजय दत्त के परिवार वाले भी चिंता में डूबे हैं. परिजनों को शुक्रवार रात दुर्घटना की खबर मिली.
मां के इलाज के लिए कमाने जा रहा था संजय
संजय की मामी रूपाली विश्वास ने बताया कि संजय काठ मिस्त्री के काम के लिए केरल जा रहा था. चेन्नई से ट्रेन बदलने की बात थी, लेकिन इससे पहले वह हादसे का शिकार हो गया. कोलकाता के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. रुपाली का कहना है कि संजय की मां की तबीयत ठीक नहीं है. उन्हें ट्यूमर है. इसका ऑपरेशन होने वाला था. इस दुर्घटना से परिजन चिंता में डूबे हैं. संजय कुछ कमाने के लिए जा रहा था, ताकि मां का उचित इलाज हो पाये. लेकिन इस बीच ट्रेन दुर्घटना में वह खुद ही जख्मी हो गया.
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