बंगाल की खाड़ी में बना गहरे दबाव का क्षेत्र, अगले दो दिन में चक्रवात में तब्दील होने की आशंका
आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान चार दिसंबर की शाम आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम व चेन्नई के समुद्र तट को पार करेगा. विभाग के मुताबिक, यह प्रणाली सुबह साढ़े पांच बजे चेन्नई से लगभग 800 किमी, आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम से 970 किमी, बापतला से 990 किमी और पुडुचेरी से 790 किमी दूर समुद्र के ऊपर केंद्रित थी.
Odisha Weather Forecast|IMD|बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार (एक दिसंबर) को गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया और अगले कुछ दिनों में इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी है. आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान चार दिसंबर की शाम के करीब आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम और चेन्नई के समुद्र तट को पार करेगा. विभाग के मुताबिक, यह प्रणाली सुबह साढ़े पांच बजे चेन्नई से लगभग 800 किमी, आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम से 970 किमी, बापतला से 990 किमी और पुडुचेरी से 790 किमी दूर समुद्र के ऊपर केंद्रित थी. आईएमडी ने कहा कि इसके पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने, दो दिसंबर तक गहरे दबाव में तब्दील होने तथा तीन दिसंबर के आसपास चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है.
चक्रवात का ओडिशा पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
आईएमडी के एक बयान के मुताबिक, यह उसी दिशा में आगे बढ़ेगा और चार दिसंबर की शाम के आसपास चक्रवाती तूफान के रूप में चेन्नई और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंध्रप्रदेश और निकटवर्ती उत्तरी तमिलनाडु के तट को पार करेगा. विशेष राहत आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रणाली का ओडिशा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दे कि जब भी चक्रवात की बात होती है, ओडिशा की टेंशन सबसे ज्यादा बढ़ जाती है.
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ओडिशा ने झेले हैं कई भीषण चक्रवात
समुद्र तट पर बसे ओडिशा ने कई भीषण चक्रवात झेले हैं. इसलिए मानसून के सीजन के तुरंत बाद राज्य सरकार हर साल चक्रवाती तूफानों से निबटने की तैयारी शुरू कर देती है. मानसून के बाद के दो महीने को ओडिशा के लिए चक्रवाती सीजन के रूप में जाना जाता है. हालांकि, मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है कि चार दिसंबर को आने वाले चक्रवात का कोई असर ओडिशा पर नहीं पड़ेगा.
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