Sagar Dhankhar Murder Case: दो बार के ओलिंपिक मेडल जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार पर कानून का शिकंजा कस चुका है. जिस पहलवान ने छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े से निकलकर पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया, अब वह हत्या के आरोप में पुलिस की गिरफ्त में हैं. 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल देश को दिलाने वाले सुशील फिलहाल उभरते हुए पहलवान सागर राणा के हत्या के आरोप में सलाखों के पिछे हैं. अब सवाल यह उठता है कि यदि सुशील कुमार पर हत्या का आरोप साबित हो जाता है, तो क्या उनके ओलिंपिक मेडल छीन जाएंगे? आइए जानते हैं क्या कहते हैं नियम…
अगर सुशील कुमार हत्यारे साबित हो भी जाते हैं तो उनके ओलिंपिक मेडल पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनके मेडल उनके पास ही रहेंगे. दुनियाभर में कई ऐसे मामले आए हैं जहां पर ओलिंपिक विजेता खिलाड़ियों ने जघन्य अपराध किए लेकिन उनके मेडल नहीं छीने गए. बता दें कि जानकारी के मुताबिक ओलंपिक में भाग ले चुके 76 खिलाड़ी अब तक जेल जा चुके हैं. इनमें से 27 खिलाड़ी ओलंपिक मेडलिस्ट रहे हैं पर जेल से बाहर आने के बाद भी इन खिलाड़ियों के ओलंपिक में हासिल किए गये खिताब बरकरार हैं.
वहीं अब यह भी जानकारी आ रही है कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद उत्तर रेलवे सुशील कुमार को उनकी नौकरी से हटाने का पक्का इरादा कर चुका है. सुशील को रविवार को हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद रेलवे के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि सुशील कुमार उत्तर रेलवे के वरिष्ठ कर्मशल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.
शोहरत मिलने के बाद सुशील कुमार का व्यवहार बदल गया और वे अपने पास बंदूक रखने लगे थे. सुशील के बारे में कहा जाता है वे बात-बात पर किसी पर भी बंदूक तान देते थे. सुशील ने दिल्ली और गाजियाबाद के बॉर्डर पर टोल टैक्स वसूलने का ठेका दिल्ली नगर निगम से लिया था. इस ठेका को सुंदर भाटी के गुर्गे ऑपरेट करते थे. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया था. मीडिया में ऐसी बात सामने आयी थी कि सुशील और ससुर सतपाल का कुश्ती में अपना एक खेमा है. सुशील कुमार इसे कायम रखना चाहते थे और कुछ पहलवानों का गैंग बना कर अन्य पहलवानों पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते थे. यही कारण है कि मर्डर केस से उनका नाम जुड़ गया है.