बांदा जेल में जाकर मुख्तार अंसारी से मिले ओमप्रकाश राजभर, पुलिस ने गाड़ी चेक की तो भड़क गए
मुख्तार अंसारी को अंदरूनी रूप से सुभासपा पार्टी को सहयोग करने की चर्चा भी जेल के अंदर हुई है. मंगलवार की दोपहर मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी और ओमप्रकाश राजभर ने जेल के अंदर जाकर नियमानुसार एंट्री कराई और उसके बाद जेल परिसर में दाखिल हुए हैं.
Kanpur News : बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी बाहुबली विधायक से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बांदा जेल में जाकर के मुलाकात की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले बाहुबली विधायक एवं माफिया मुख्तार अंसारी से ओमप्रकाश राजभर जुड़ गए हैं. यह मुलाक़ात उसी का नतीजा है.
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वांचल में अपनी अच्छी पकड़ बनाए हुए मुख्तार अंसारी को अंदरूनी रूप से सुभासपा पार्टी को सहयोग करने की चर्चा भी जेल के अंदर हुई है. मंगलवार की दोपहर मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी और ओमप्रकाश राजभर ने जेल के अंदर जाकर नियमानुसार एंट्री कराई और उसके बाद जेल परिसर में दाखिल हुए हैं.
जेल के सूत्रों के मुताबिक, बांदा जेल में इन दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मुख्तार अंसारी, ओमप्रकाश राजभर और अब्बास तीनों में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर के चर्चाएं हुईं. पूर्वांचल क्षेत्र में भी पकड़ बनाने वाले बाहुबली विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को साध ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी को पूर्वांचल में मजबूत बना रहे हैं.
मुख्तार अंसारी से मुलाकात करके जब ओमप्रकाश राजभर फतेहपुर की ओर जा रहे थे उसी वक्त तिंदवारी थाना के इंस्पेक्टर योगेंद्र प्रताप की माने तो रूटीन चेकिंग के तहत सभी गाड़ियां चेक की जा रही थीं. थाने के ठीक सामने से निकली ओमप्रकाश राजभर की गाड़ी भी रोकी गई और जब तलाशी की बात कही गई तो ओमप्रकाश राजभर नाराज होने लगे उसी समय मौजूद लोगों ने वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया. उस वीडियो में ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं, ‘इंस्पेक्टर साहब बीजेपी की गाड़ी आप नहीं रोकेंगे लेकिन मेरी गाड़ी रोकेंगे. तलाशी लीजिए पूरी गाड़ी की अटैची भी देख लीजिए.’ हालांकि, काफी गहमागहमी के बीच ओमप्रकाश राजभर ने पूरी गाड़ी की तलाशी दी और उसके बाद तिंदवारी से फतेहपुर की ओर निकल गए. वहीं, जेल अधिकारी प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया की औपचारिक रूप से रोजाना अधिकतर बंदियों से मिलने के लिए लोग आते हैं. जेल मैनुअल के हिसाब से लोगों की मुलाकात भी कराई जाती है.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी