Jharkhand news: चतरा जिला अंतर्गत टंडवा में पिछले 13 माह से NTPC के खिलाफ चल रहा आंदोलन सोमवार को आक्रामक हो गया. एनटीपीसी का बाहरी क्षेत्र दो घंटे के लिए रणक्षेत्र में बदल गया. इस दौरान आंदोलनकारी और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई. दोनों तरफ से घंटों पथराव हुआ. पुलिस ने भी जमकर लाठिंया भांजी और आंसू गैस छोडे़. इस दौरान दो दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगायी गयी.
बताया गया कि एनटीपीसी निर्माण में इस्तेमाल के लिए कुछ रासायनिक द्रव्य से भरा टैंकर सोमवार को आया था. जिसे बंदी के कारण आंदोलनकारी इस टैंकर को प्लांट के अंदर जाने से रोक दिया. इस पर उस टैंकर को पुलिस पार कराने का प्रयास करने लगी. इसी को लेकर आंदोलनकारी और पुलिस के जवानों के बीच जमकर झड़प हुई. इस दौरान दोनों तरफ से घंटो पथराव हुआ. इसके बाद आंदोलनकारियों पर पुलिस ने भी जमकर लाठियां भांजी, वहीं आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इस दौरान सिम्पलेक्स कंपनी के परिसर में खड़े दो दर्जन से अधिक वाहन एवं दर्जनों महंगी गाड़ियों में आग लगा दी गयी. पुलिस ने वाहनों में आग आंदोलनकारियों द्वारा लगाने की बात कही है.
इधर, पुलिस ने भी आंदोलन स्थल में टेंट को उखाड़ दिया. पुलिस के लाठी चार्ज करने से करीब आधा दर्जन आंदोलनकारी जख्मी भी हुए. वहीं एक दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए. जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बता दें कि एनटीपीसी से तीन मांगों को लेकर आंदोलनकारी गत 11 जनवरी, 21 से आंदोलन कर रहे हैं.
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आगलगी की घटना में एनटीपीसी निर्माण में लगी सिम्पलेक्स कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है. सिम्पलेक्स कंपनी की माने, तो सैकड़ों वाहन एवं मशीनों को आग के हवाले कर दिया गया है. पूरा सिम्पलेक्स कंपनी का ऑफिस और मशीनर धू-धूकर जल उठा. बताया गया कि सिम्पलेक्स कंपनी के साइट इंचार्ज समेत दर्जनों लोगों ने भागकर जान बचाई. मामले में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. इधर, ग्रामीणों ने बताया कि SISF के जवानों ने घर में घुसकर मारपीट किया एवं कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया.
इधर, CISF के जवानों द्वारा पत्रकारों को भी न्यूज कवरेज से रोक गया. पूरे घटनाक्रम से पत्रकारों को दूर रखा गया. कभी पुलिस द्वारा, तो कभी ग्रामीणों द्वारा फोटो एवं वीडियो नहीं लेने की धमकी दी जा रही थी. इस दौरान CISF जवानों द्वारा पत्रकारों का कैमरा बंद करने का भी प्रयास किया गया.
Posted By: Samir Ranjan.