साहिबगंज में गंगा उफान पर, भरतिया कॉलोनी के 27 घरों में घुसा बाढ़ का पानी, सैकड़ों परिवार प्रभावित

साहिबगंज क्षेत्र में गंगा नदी उफान पर है. शहर के निचले इलाके में बाढ़ का पानी आने से लोग काफी परेशान हो गये हैं. इससे करीब आधा दर्जन मुहल्लों के सैकड़ों परिवार प्रभावित हो गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2021 10:36 PM

Jharkhand News (साहिबगंज) : गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. शहर के निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है. गंगा धीरे-धीरे शहर के अन्य क्षेत्रों को भी अपने आगोश में ले रही है. गुरुवार को गंगा खतरे के निशान से 97 सेमी ऊपर बह रही थी. शहर के रिहायशी इलाका भरतिया कॉलोनी में 27 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग सुरक्षित स्थान धर्मशाला में शरण ले रहे हैं.

दूसरी ओर, शहर के रसूलपुर दहला, हरिपुर, हरिपुर डुब्बा टोला, पटनिया टोला, चानन, कबूतरखोपी में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. इसी तरह अगर गंगा में जलस्तर बढ़ता रहा, तो जल्द ही शहर के अन्य मुहल्लों के सैकड़ों घरों में पानी प्रवेश कर जायेगा. केंद्रीय जल आयोग पटना के रिपोर्ट के अनुसार, गंगा शुक्रवार को खतरे के निशान से एक मीटर नौ सेमी ऊपर बहेगी.

बाढ़ के पानी में घुस कर राशन लाने को मजबूर हैं लोग

गंगा का जलस्तर बढ़ने से शहर के हरिपुर डुब्बा टोला, हरिपुर व रसूलपुर दहला के लोग बाढ़ के पानी में घुस कर प्रतिदिन सब्जी व राशन सहित अन्य खाने पीने के सामान ला रहे हैं. महिलाएं, बड़े, बुजुर्ग ठेहुना भर पानी में घुसकर राशन सहित अन्य सामग्री लाने को मजबूर हैं. सिर पर खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक सामग्री लाने के लिए कमर भर पानी में डूबकर जाने को विवश हैं.

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फरक्का में 11 में से 10 गेट से छोड़ा जा रहा पानी

बिहार में गंगा नदी का बढ़ रहा जलस्तर लोगों के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है. वहीं, फरक्का बैराज में गंगा के बढ़े जलस्तर का दबाव नहीं देखा जा रहा है. फरक्का बैराज में खतरे की सीमा से मात्र 10 इंच पानी ज्यादा है. इसको लेकर कोलकाता की ओर जाने वाली फीटर कैनाल में पानी काे छोड़ा जा रहा है. कोलकाता की ओर जाने वाली फीटर कैनाल में कुल 11 में से 10 गेट को खोल दिये गये हैं, जिससे रोजाना 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

वहीं, बांग्लादेश की ओर जाने वाली नदी में 76 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसमें पानी को नहीं रोका जा रहा है. फरक्का बैराज के महाप्रबंधक रामेअजा सिंगलसी लिवासन ने बताया कि बांग्लादेश की ओर जाने वाली पदमा नदी में पानी को नहीं रोका जा रहा है. गंगा का पानी खतरे के निशान से 10 इंच ज्यादा बह रहा है. इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. बैराज का गेट खुला हुआ है. वहीं कोलकाता की ओर जाने वाली कैनाल में रोजाना 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

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