धनबाद में डेढ़ साल के बच्चे ने दी कोरोना को मात, उपायुक्त ने कही ये बात…
धनबाद : धनबाद जिले में कोविड-19 अस्पताल (सेंट्रल अस्पताल) में कोरोनावायरस से संक्रमित एक डेढ़ साल का बच्चा स्वस्थ हो गया है. अस्पताल से छुट्टी देते वक्त तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया गया. आपको बता दें कि 16 जून को इस बच्चे को कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि ये बच्चा अन्य बीमारियों से भी पीड़ित है. इसका इलाज काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
धनबाद : धनबाद जिले में कोविड-19 अस्पताल (सेंट्रल अस्पताल) में कोरोनावायरस से संक्रमित एक डेढ़ साल का बच्चा स्वस्थ हो गया है. अस्पताल से छुट्टी देते वक्त तालियां बजाकर उसका हौसला बढ़ाया गया. आपको बता दें कि 16 जून को इस बच्चे को कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि ये बच्चा अन्य बीमारियों से भी पीड़ित है. इसका इलाज काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
कोरोना को मात
धनबाद में एक डेढ़ साल के बच्चे ने कोरोना को मात दी है. अस्पताल से छुट्टी देने के बाद डॉ अलोक विश्वकर्मा ने बच्चे को हॉर्लिक्स, मिनरल वाटर, बिस्कुट, बॉर्नविटा इत्यादि उपहार स्वरूप प्रदान किया. बच्चे के परिजनों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने एवं नियमित रूप से बच्चे को दवाइयां देने एवं पौष्टिक आहार देने की सलाह दी गई.
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अन्य बीमारी से भी पीड़ित है बच्चा
डेढ़ साल के बच्चे के डिस्चार्ज होने के बाद उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि 16 जून को जब कोविड अस्पताल में यह बच्चा भर्ती किया गया था, तब वह अन्य बीमारी से भी पीड़ित था. उसका इलाज रिम्स में चल रहा था. इलाज के क्रम में ही रिम्स के डॉक्टरों से सलाह लेकर बच्चे का इलाज किया गया. बच्चा अब कोरोनावायरस के संक्रमण से मुक्त हो गया है. उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. बच्चे को एंबुलेंस की व्यवस्था कर पेशाब संबंधी इलाज के लिए रिम्स भेजा गया है.
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बच्चे व वृद्ध महिला का इलाज रहा चुनौतीपूर्ण
उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि धनबाद में डेढ़ साल के बच्चे का और 31 मई को डिस्चार्ज हुई कैंसर पीड़ित 77 वर्षीय महिला का इलाज चुनौतीपूर्ण रहा. बच्चे को पेशाब संबंधी कुछ समस्या है. इस कारण उसे कैथेटर लगाया गया है. इस परिस्थिति में भी यहां के डॉक्टरों ने बच्चे का बेहतरीन इलाज किया. मुंबई से लौटी 77 वर्षीय महिला का इलाज भी चुनौतीपूर्ण रहा. महिला एडवांस स्टेज के कैंसर से पीड़ित थी. मुंबई के अस्पताल में पहले से इलाज चल रहा था. इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपोलो ग्रुप के अंकोलॉजिस्ट डॉ कर्माकर से सलाह ली. इसके बाद डॉ ओझा ने टेलीमेडिसिन से उपचार की व्यवस्था की. बच्चे का इलाज करने में सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास, डॉ आलोक विश्वकर्मा, डॉ संतोष कुमार, डॉ अविनाश कुमार, डॉ प्रतिमा, डॉ जगन्नाथ की सराहनीय भूमिका रही.
Posted By : Guru Swarup Mishra