ODOP: वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना से ग्रामीण उद्यमी मालामाल, मिल रहा वैश्विक मंच
एक जीला एक उत्पाद भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्रदान करना है. यह योजना शिल्प हस्तकला ,जैसी कलाओं को प्रोत्साहित करता है.
ODOP: वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना से ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार की यह योजना भारत के उत्पादों को वैश्विक मंच तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनोखी पहल है. केंद्र की मोदी सरकार की लोकल टू ग्लोबल पहल के तहत गांव के किसानों और ग्रामीण उद्यमियों की आमदनी के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना का उद्देश्य देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है. यह योजना राष्ट्रीय जीविका मिशन के तहत चलाई जाती है. ओडीओपी योजना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत की गई पहल है, जो देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है. यह योजना के द्वारा बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.
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क्या है ओडीओपी योजना
एक जिला एक उत्पाद योजना का मुख्य लक्ष्य खोए हुए उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोगों के सामने लाना है. इस योजना की मदद से खोए हुए उत्पाद निर्माण और रचनात्मक प्रक्रिया को उद्योगिक दुनिया में सामने लाना है. इस योजना के तहत प्रत्येक जिले से एक आदित्य उत्पाद का चयन किया जाता है. फिर इसका ब्रांडिंग और प्रचार प्रसार देश और दुनियाभर में किया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है. यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को विविधता प्रदान करने के साथ ही साथ स्थान निकाय को भी बढ़ावा देती है. बता दें यह योजना पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई गई थी. इस योजना का उद्देश्य स्वदेशी विशिष्ट उत्पादों और शिल्प आदि को प्रोत्साहित करना है जो अन्यत्र नहीं मिलते हैं. उदाहरण के तौर पर प्राचीन और पौष्टिक काला नमक चावल,दुर्लभ और आकर्षक गेहूं-डंठल शिल्प, कपड़ों पर विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी ,जरी का काम, और जटिल और आश्चर्यजनक सींग-हड्डी का काम जिसमें जीवित जानवरों के बजाय मृत जानवरों के अवशेषों का उपयोग किया जाता है, जो हाथी दांत का प्रकृति-अनुकूल प्रतिस्थापन है.
ग्रामीण उद्यमियों को वैश्विक मंच
ओडीओपी योजना ग्रामीण उद्यमियों को वैश्विक मंच प्रदान करने में कई तरह से मदद करता है:
- सरकार उद्यमियों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण करने में मदद करता है. जैसे उत्पादन, विपणन, प्रबंधन और वित्त क्षेत्रों में.
- सरकार उद्योग मित्र सहायता की प्रदान करती है. जैसे लोन लिया करना, अनुदान करना और सब्सिडी दिलाना.
- सरकार उद्योगों को बाजार संपर्क से संपर्क साधने में मदद करता है.और मेलों, प्रदर्शनियों ,व्यापार मिशनो द्वारा खरीदारों से जोड़ता है.
- सरकार उद्यमियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद करता है.
- सरकार उद्यमियों को ब्रांडिंग और विपणन करने में मदद करता है.
- सरकार उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने में सहायता प्रदान करती है.
इस योजना से मिलने वाले लाभ
1. इस योजना के तहत छोटे उद्योमियों, शिल्पकारों, बुनकरों आदि को राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जाता है.
2. इस योजना के तहत सूचना लघु और मध्य उद्योगों को नई पहचान मिलती हैं.
3. इस योजना के तहत कम ब्याज दर पर लोन भी मोरिया की जाती है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिले.
4. इस योजना से राज्य की पहचान लोगों तक पहुंचती है जिससे उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और साथ ही साथ पर्यटन में भी वृद्धि होती है.
5. इस योजना के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों को सब्सिडी की भी सुविधा मिलती है.
6. ब्रांडिंग और प्रचार प्रसार के लिए बुनियादी ढांचे का समर्थन प्रदान किया जाता है.
योजना से होने वाले फायदे
1. स्थानीय सिल्क कौशल की सुरक्षा और कला का प्रचार प्रसार.
2. राज्य में उत्पादन और उद्यमिता को बढ़ावा देना.
3. स्थानिय कौशल और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना
4. उत्पाद को पर्यटन से जोड़ने के साथ ही साथ उत्पादों को वैश्विक स्थल तक पहुंचाना.
5. राज्य के आए और स्थान रोजगार में सुधार करके पलायन को रोकना.
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