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Jharkhand News: लातेहार में एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां दो शिफ्ट में चलता है क्लास

लातेहार के पोखरी कला के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय का हाल बेहाल है. कमरों के अभाव में दो शिफ्ट में क्लास चलता है. इस स्कूल में छात्रों की संख्या 769 है. कमरे नहीं होने के कारण शेष बच्चों को बैठने के लिए पुराने स्वास्थ्य केंद्र के भवन का उपयोग किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2022 6:03 AM

Jharkhand News: लातेहार जिला अंतर्गत बरवाडीह प्रखंड के पोखरी कला के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय में स्कूली बच्चों की संख्या इतनी अधिक है कि उन्हें पढ़ाने के लिए दो शिफ्ट में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. पहली शिफ्ट में वर्ग एक से लेकर पांच तक के बच्चों की पढ़ाई सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक करायी जाती है. इसके बाद 12 बजे मध्याह्न भोजन कराने के बाद उन्हें घर भेज दिया जाता है. इसके बाद 12 से 3 बजे तक वर्ग छह से लेकर आठ तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. उन्हें भी दोपहर 12 बजे साथ में भोजन कराया जाता है. इसके बाद पढ़ने के लिए बैठाया जाता है. कक्षा छह से आठ तक के बच्चे 12 बजे स्कूल पहुंचते हैं.

सिर्फ दो कमरों में चलता स्कूल

विद्यालय प्रबंधन की यह विवशता कमरों की कमी के कारण है. इस विद्यालय में सिर्फ दो कमरे हैं, जबकि विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 769 हैं, जिसमें औसतन 250 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आते हैं. जबकि विद्यालय के छोटे-छोटे कमरों में मुश्किल से 80 बच्चे बैठ पाते हैं. शेष बच्चों को बैठने के लिए पुराने स्वास्थ्य केंद्र के भवन का उपयोग किया जाता है. परीक्षा के समय और परेशानी बढ़ जाती है. क्योंकि इस समय शत-प्रतिशत उपस्थिति रहती है. दो कमरों में इतने बच्चों को एक साथ बैठा कर परीक्षा लेना बहुत मुश्किल हो जाता है.

छात्राओं को होती काफी परेशानी

मुस्लिम बहुल घनी आबादी वाले पोखरी कला गांव का यह स्कूल यहां के बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर लड़कियों के लिए सबसे अधिक. आठवीं तक के विद्यार्थी यहां पढ़ाई करना चाहते हैं. लेकिन, जगह के अभाव में उन्हें परेशानी होती है. लड़कियां बैठने की व्यवस्था नहीं होने के कारण स्कूल नहीं जाना चाहती हैं. यह समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. दरअसल विद्यालय की भूमि विवादित है. प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं होने के कारण अब तक यह स्थिति बरकरार है. भवन बनाने के लिए प्रबंधन समिति को दो बार पैसे का मिले थे, लेकिन उसे बैरंग वापस लौटा दिया गया.

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प्रधानाध्यापक ने कहा

विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो आजम ने कहा कि बच्चों को सिर्फ दो कमरों में बैठा पाना बहुत मुश्किल काम है. इसलिए दो शिफ्ट में विद्यालय का संचालन करना उनकी मजबूरी है. दूसरा कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना जिले के वरीय पदाधिकारियों को दे दी गयी है.

रिपोर्ट : संतोष, बेतला, लातेहार.

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