चंडीगढ़ : पंजाब में मतदान के अब केवल चार दिन ही शेष बचे हुए हैं और दो दिन बाद प्रचार अभियान भी पूरी तरह से थम जाएगा, लेकिन सूबे की सत्ता पर बैठी कांग्रेस की ओर से मतदाताओं के सामने अब तक घोषणा पत्र पेश नहीं किया गया है. यह बात दीगर है कि पहले पंजाब कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और फिर अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने-अपने चुनावी मॉडल जरूर पेश किए हैं.
पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदाताओं के सामने अपने 13 सूत्रीय मॉडल पेश किए हैं. उनके 13 सूत्रीय मॉडल को लेकर चर्चा इस बात पर जारी है कि सिद्धू के चुनावी मॉडल को अध्ययन करने के बाद उसके नतीजे निकाले जाएंगे कि आखिर उसमें कहा क्या गया है. वहीं, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में सीएम का पद संभालने के बाद अपने 111 दिन के कार्यकाल में कराए गए जनहित के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया है और वे अपने कार्यों के आधार पर मतदाताओं से वोट मांगने जा रहे हैं.
उधर, मीडिया की खबरों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कांग्रेस हाईकमान की तरफ से सांसद प्रताप बाजवा के नेतृत्व में घोषणा पत्र कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी कई बैठकें भी हो चुकी हैं लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिए जाने का मामला लटक गया है. इसका कारण यह है कि पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने पंजाब मॉडल को कांग्रेस के घोषणा पत्र के रूप में सार्वजनिक किए जाने की जिद पर अड़े हुए हैं.
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उधर, पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन ने मंगलवार को मतदाताओं के सामने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. शिअद-बसपा गठबंधन के घोषणा पत्र में ‘पंजाबियों का पंजाब’ की पुरजोर वकालत की गई है. इस घोषणा पत्र में गठबंधन की सरकार बनने पर सरकारी और निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का दायरा बढ़ाकर फलों, सब्जियों और दूध को इसमें शामिल करने और कई अन्य चीजें मुफ्त में देने का वादा किया गया है. इसके साथ ही, सभी घरों को 400 यूनिट बिजली प्रतिमाह मुफ्त में देने, 10 लाख का सालाना स्वास्थ्य बीमा और बीपीएल परिवार की हर महिला प्रमुख को प्रतिमाह 2000 हजार रुपये और हर भूमिहीन को पांच मरला जमीन देने का वादा किया गया है.