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एनआरसी व सीएए के बाद गढ़वा में इकोनॉमिक सर्वेक्षण का विरोध

एनआरसी और सीएए को लेकर देश में चल रहे विरोध के बीच गढ़वा जिले में इकॉनोमिक सर्वे (आर्थिक गणना) को बाधित कर देने का मामला सामने आया है़ रंका प्रखंड के एक विशेष समुदाय बहुल दूधवल पंचायत में इकोनॉमिक सर्वे के लिए गयी टीम को वहां के ग्रामीणोंं और बीडीसी द्वारा लौटा दिया गया़

By Pritish Sahay | March 5, 2020 4:01 AM
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पीयूष तिवारी – गढ़वा : एनआरसी और सीएए को लेकर देश में चल रहे विरोध के बीच गढ़वा जिले में इकॉनोमिक सर्वे (आर्थिक गणना) को बाधित कर देने का मामला सामने आया है़ रंका प्रखंड के एक विशेष समुदाय बहुल दूधवल पंचायत में इकोनॉमिक सर्वे के लिए गयी टीम को वहां के ग्रामीणोंं और बीडीसी द्वारा लौटा दिया गया़

ग्रामीणों का कहना है कि देश में सीएए और एनआरसी को लेकर माहौल गरम है और इसका विरोध हो रहा है़ इसलिए जब तक वे इस सर्वेक्षण को आपस (ग्रामीण) में बैठ कर समझ नहीं लेंगे, तब तक इसे यहां नहीं होने देंगे़ ग्रामीणों के विरोध के बाद सर्वे का काम करने गये डंडई के पचौर गांव के वीएलइ (कॉमन सर्विस सेंटर संचालक) संजीव कुमार को वहां से लौट जाना पड़ा़

वीएलइ संजीव कुमार ने सर्वे को लेकर ग्रामीणों के विरोध की जानकारी सीएससी मैनेजर मनीष कुमार को दी. इस के बाद सीएससी मैनेजर श्री कुमार ने सीएससी के अपने वरीय पदाधिकारियों को इसकी जानकारी प्रेषित की है़ जिले की दूधवल पंचायत में 13 गांव हैं. इनमें दूधवल, बेलवादामर, अमवार, मखातू, अनहर, बाहुकुदर, बाराडीह, नगारी, खपरमंडा, नावाडीह, हेताड़, परगवल, नगवा व जून गांव शामिल हैं. गढ़वा जिले में सितंबर से आर्थिक गणना का कार्य किया जा रहा है़ इसे जनवरी माह में ही समाप्त कर देना था़ लेकिन सीएए व एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन की वजह से जिले में सर्वेक्षण करने में परेशानी हो रही है़

खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सर्वेक्षण करने के दौरान ग्रामीण सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है़, जबकि दूधवल पंचायत में विरोध के कारण अभी यह शुरू भी नहीं हो सका है़

ग्रामीणों ने कहा – माहौल गरम है, इसलिए सर्वे को रोका गया है : विरोध करनेवाले ग्रामीण मैनुद्दीन अंसारी ने बताया कि अभी उनके गांव के कई लोग अजमेर शरीफ गये हुए हैं. उनके लौटने के बाद वे सभी बैठक कर इसे अच्छी तरह से समझ लेंगे, उसके बाद ही सर्वेक्षण होगा़ उन्होंने कहा कि अभी देश में एनआरसी व सीएए का विरोध हो रहा है़ माहौल गरम है़ माहौल खराब नहीं हो, इस वजह से वे सर्वे के लिए पहुंचे लोग को वापस लौटा दिये है़ं

बीडीओ बोले – विराध की मुझे नहीं है जानकारी : इस संबंध में रंका बीडीओ निशांत अबंर ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, वे अपने कर्मियों से इसकी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकते है़ं

वीएलइ ने कहा : जिले से निर्गत पत्र दिखाने के बाद भी लौटा दिया इस संबंध में दूधवल पंचायत में सर्वे करने गये वीएलइ संजीव कुमार ने कहा कि दूधवल पंचायत के बीडीसी नूरताज अंसारी एवं ग्रामीण मैनुद्दीन अंसारी आदि ने उन्हें सर्वे करने से रोका है़ उनकी ओर से सर्वे को लेकर जिले से निर्गत पत्र भी दिखाया गया, लेकिन उन्हें सर्वे नहीं करने दिया गया़ ग्रामीणों की ओर से कहा गया कि अभी देश में माहौल खराब चल रहा है़ वे आपस में समझ लेंगे, तब ही सर्वे करने देंगे़

सीएससी मैनेजर बोले- ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है : सीएससी मैनेजर मनीष कुमार ने बताया कि इस समस्या की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे दी है़ चुतरू गांव के वीएलई को भेजकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है़

क्या है इकोनॉमिक सर्वे : पूरे देश सहित झारखंड राज्य की आर्थिक समीक्षा को लेकर इकॉनोमिक सर्वे किया जा रहा है़ इस बार देश का सातवां आर्थिक सर्वे किया जा रहा है़ इस सर्वे के माध्यम से देश के आर्थिक कार्यों का लेखा-जोखा एकत्र किया जाता है़ इसके माध्यम से सरकार लोगों के जीवन स्तर, उनकी आय, व्यवसाय आदि का पता लगाती है़ जानकारों के अनुसार आर्थिक समीक्षा में भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर देखने को मिलती है़ इसके आधार पर आगामी योजनाएं सरकार की ओर से तय होती हैं.

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