सरायकेला, प्रताप मिश्रा : सरायकेला की मारवाड़ी महिला समिति की पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय स्नेहलता चौधरी 10 वर्ष पहले ही सरायकेला में नेत्रदान कर चुकी थी. उनके मन में हमेशा अंगदान करने का विचार आता था लेकिन सरायकेला में अंगदान जैसी सुविधा नहीं होने के कारण नहीं हो पाया.17 सितंबर 2022 को मॉर्निंग वॉक करने के दौरान अज्ञात वाहन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद 20 सितंबर को उनको दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया. जहां उनके भाई एम्स के डिप्टी डायरेक्टर सह सरायकेला के पूर्व उपायुक्त रविंद्र कुमार अग्रवाल के देख रेख में इलाज चला लेकिन 1 अक्टूबर 22 को उनका देहांत हो गया. उनके मरणोपरांत उनके परिवार वालो ने दिवंगत महिला की अंगदान करने की पहले की इच्छा को बताया. जिसके बाद एम्स में ही उनका अंगदान कराया गया.
अंगदान में उनके लिवर, किडनी, हार्ट और कॉर्निया जैसे अंग का दान किया गया. अंगदान के बाद कई लोग उनके अंग की बदौलत आज दुनिया में स्वस्थ और सकुशल जीवित हैं. एम्स के ओर्गा संस्था द्वारा 29 नवंबर 22 को परिजनों को दिल्ली बुलाया गया और बताया गया की दिवंगत स्नेहलता चौधरी के अंग पाकर चार लोग स्वस्थ और सकुशल हैं. जबकि उनको आंख पाकर दो लोग उनकी आंखों से दुनिया देख रहे हैं. एक पंद्रह साल के गुड़गांव के रहने वाले बच्चे को उनका हार्ट मिला है.
इन सब बातो को जानकारी देते हुए उनके पति रमन चौधरी भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी कभी-कभी डायरी भी लिखा करती थी. निधन से एक माह पहले ही डायरी में संसार की पीड़ा के बारे में लिखा और प्रभु से धर्म की मार्ग पर चलते हुए अपनी शरण में बुलाने की बात लिखकर गई हैं. एक माह बाद जब उनके बेटे ने डायरी देखा तो उनकी आंखों से आंशू छलक पड़े थे. कहा की शायद मां को दुनिया छोड़ने का पहले ही एहसास हो गया था.
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