Aligarh News: अब मधुमेह रोगी का घाव से नहीं काटा जाएगा अंग, AMU ने इलाज के लिए खोजी नयी तकनीक
दुनिया भर में, हर कुछ मिनटों में मानव का एक अंग काटा जाता है. इसमें से अधिकांश मरीज वे होते हैं, जो मधुमेह से पीड़ित होते हैं. अब ऐसे मरीजों के पैर नहीं काट जाएंगे क्योंकि एएमयू ने इलाज के लिए नयी तकनीक खोज निकाली है.
Aligarh News: अगर मधुमेह रोगी के पैर में घाव है और उसका अंग काटने की नौबत आ गई है, तो उनके लिए अच्छी खबर है. एएमयू ने क्रोनिक डायबिटिक फुट अल्सर के इलाज के लिए नैनो-कम्पोजिट बेस्ड फोटो- डायनामिक थेराप्यूटिक एप्रोच का प्रयोग कर एक नई तकनीक का अविष्कार किया है, जिसका चूहे पर प्रयोग सफल रहा है.
एएमयू की इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नोलॉजी यूनिट के प्रो. असद उल्लाह खान के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने क्रोनिक डायबिटिक फुट अल्सर के इलाज के लिए नैनो-कम्पोजिट बेस्ड फोटो-डायनामिक थेराप्यूटिक एप्रोच का प्रयोग कर एक नई तकनीक का अविष्कार किया है. इस प्रौद्योगिकी की सहायता से मधुमेह से ग्रस्त चूहों में पैर के अल्सर का इलाज सफल रहा. जिनका इलाज बहु-दवा प्रतिरोधी स्ट्रेन मध्यस्थता संक्रमण के कारण किसी भी उपलब्ध एंटीबायोटिक द्वारा नहीं किया जा सका था. नई विकसित तकनीक के माध्यम से 14 दिनों की अवधि में पशु ठीक हो गया. मानव में इस अध्ययन का परीक्षण जारी है.
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कुछ मिनटों में काटना पड़ता है मानव का अंग
प्रो. असद उल्लाह खान ने कहा कि स्वतंत्र अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर में, हर कुछ मिनटों में मानव का एक अंग काटा जाता है. यह वास्तविकता और भी अधिक कठोर हो जाती है, जब आप को मालूम होगा कि इनमें से अधिकतर विच्छेदन मधुमेह के पैर के अल्सर का परिणाम है.
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मानव पर सफल होते ही मधुमेह रोगी के नहीं काटने पड़ेंगे अंग
प्रो. असद उल्लाह खान ने कहा कि मधुमेह के पैर के अल्सर के लिए बहुप्रतीक्षित उपचार की खोज के लिए यह नई तकनीक अंतिम खोज बन जाएगी. दुनिया को यह अवश्य मालूम होना चाहिए कि इस संक्रमण की रोकथाम के लिए घावों को ठीक करने, मृत त्वचा और ऊतक को हटाने, ड्रेसिंग लगाने और रक्त ग्लूकोज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जांच करने के अलावा और भी कुछ किया जा सकता है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़