बाल व्यापार एवं यौन शोषण की रोकथाम को लेकर जनसंवाद, लोहरदगा डीसी बोले- इसे रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेवारी
jharkhand news: बाल व्यापार और यौन शोषण को रोकने के उद्देश्य से जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान डीसी समेत अन्य अधिकारियों ने इसे रोकने में समाज के सभी लोगों की सहभागिता पर जोर दिया. साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं से लोगों को जोड़ने पर चर्चा किया.
Jharkhand news: कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, जस्टिस एवरी चाइल्ड और LGSS की ओर से बाल व्यापार और यौन शोषण की रोकथाम को लेकर जनसंवाद का आयोजन किया गया. इस मौके पर लोहरदगा डीसी दिलीप कुमार टोप्पो ने कहा कि बाल शोषण की बुनियाद समाज से ही होती है. वैसे बच्चे जिनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं, अगर हैं तो रोजी-रोटी के लिए किसी दूसरे जगह रहते हैं या जाते हैं, वैसे बच्चों के अक्सर यौन शोषण या दुर्व्यवहार की घटनाएं होती हैं. इन घटनाओं को रोकना समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेवारी है. इस सामाजिक बुराई को हमें एकजुट होकर सामूहिक रूप से खत्म करना होगा.
बचपन को गुलामी से बचाना जरूरी
डीसी श्री टोप्पो ने कहा कि सामाजिक बुराई के शिकार बच्चों की पढ़ाई छूटती है, समाज छूटता है. जिला प्रशासन की ओर से ऐसे बच्चों को मुआवजा दिया जाता है. हमें जुर्म करने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है, ताकि फिर कोई जुर्म ना हो. हमें बचपन को गुलामी से बचाना है.
लोग छोड़े पलायन
उन्होंने कहा कि इस जिले में दूसरे राज्य में जाकर जीवकोपार्जन करने का चलन है. इससे कई तरह की परेशानियां परिवार को झेलनी पड़ती है. बच्चे कई तरह से असुरक्षित हो जाते हैं. लोग पलायन छोड़ इसी जिले में अपना काम करें. राज्य सरकार ऐसी ही कई योजनाओं से इनको जोड़ने की कोशिश कर रही है. इन योजनाओं का अधिक से अधिक लोग लाभ लें.
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समर्थ आवासीय विद्यालय में बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा
डीसी श्री टोप्पो ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के वैसे बच्चे, जिनके माता-पिता बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए बेहतर शिक्षा की व्यवस्था जिले में की गई है. हिरही में निर्मित समर्थ आवासीय विद्यालय में जल्द ही शैक्षणिक सत्र शुरू किया जायेगा. इसके अलावा कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों में भी पीड़िता के लिए पढ़ाई की व्यवस्था करायी जायेगी.
स्वस्थ समाज की अवधारणा बनाना सबकी जिम्मेवारी
वहीं, डीडीसी अखौरी शशांक सिन्हा ने कहा कि सभी लोगों को अपना कर्तव्य निभाने की जरूरत है. बाल शोषण, मानव व्यापार या अन्य कोई भी अपराध की सूचना त्वरित रूप से पुलिस को दें, ताकि कोई भी कार्रवाई करने में देरी नहीं हो. हमें ऐसे अपराध को रोकना है. स्वस्थ समाज की अवधारणा बनाना है.
लोगों को विधिक शिविर में अधिकार दिलाने की कोशिश
डालसा सचिव आरती माला ने कहा कि जिले में अब भी ट्रैफिकिंग के मामले हैं, लेकिन उनकी रिपोर्टिंग कम हो रही है. सेन्हा और कुड़ू में सबसे अधिक मामले हैं. कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों की जानकारी नजदीकी थानों को दें. अपने बच्चों का ख्याल रखें. हमेशा सक्रिय रहें, ताकि बच्चों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी ना हो. सरकार बेहतर कार्य कर रही है. उन योजनाओं का लाभ उठायें. डालसा द्वारा लोगों को विधिक शिविर में उनके अधिकारों की जानकारी दिये जाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है.
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सखी वन स्टॉप सेंटर से लाभ
इसके अलावा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि जिला में लोहरदगा महिला थाना क्षेत्र परिसर में सखी वन स्टॉप सेंटर भवन बनाया गया है. इसमें किसी भी महिला के साथ अगर किसी प्रकार का शोषण हुआ है, किसी प्रकार के हिंसा की शिकार हुई है, तो उस महिला को पुलिस सहायता, विधिक सहायता और 5 दिन के आवासन की सुविधा दी जा रही है. पीड़िता को पूरा सहयोग दिया जा रहा है. कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत प्रसाद, बाल संरक्षण पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की स्टेट प्रोग्राम मैनेजर निपा दास, होप संस्था की सचिव मनोरमा एक्का, एलजीएसएस के सचिव सीपी यादव ने अपने विचार व्यक्त किये.
Posted By: Samir Ranjan.