जिला के चिकित्सकों के आवास पर आउटसोर्सिंग कर्मियों का कब्जा, विभाग को फूटी कौड़ी नहीं चुकाते हैं कर्मी

चिकित्सकों के सरकारी आवास और चैताडीह स्थित औषधि निरीक्षक कार्यालय को खाली कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग खासा परेशान है

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2020 5:37 AM

अभय वर्मा, गिरिडीह : चिकित्सकों के सरकारी आवास और चैताडीह स्थित औषधि निरीक्षक कार्यालय को खाली कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग खासा परेशान है. चिकित्सकों के सरकारी आवास पर आउटसोर्सिंग कर्मियों का कब्जा है तो चैताडीह स्थित मातृत्व एवं शिशु कल्याण केंद्र परिसर में चार कमरों के भवन में औषधि निरीक्षक का कार्यालय चल रहा है.

विदित हो कि चैताडीह में संचालित औषधि निरीक्षक कार्यालय में पूर्व डीसी डा. नेहा अरोडा ने वर्ष 2018 में कैंटीन खोलने का आदेश 2018 में दिया था. सदर अस्पताल स्थित चिकित्सकों के खाली पड़े सरकारी आवास पर आउटसोर्सिंग कर्मियों ने कब्जा कर रखा है. सत्तर के दशक में चिकित्सकों की आवासीय सुविधा के लिए परिसर में छह आवास बनाये गये थे.

विभागीय आदेश दिया जा चुका है

जानकारी के अनुसार हाल के वर्षों तक सरकारी आवास में चिकित्सक रहते थे, रख-रखाव के अभाव आवास को जर्जर घोषित कर दिया गया. जो सरकारी आवास चिकित्सकों के लिए अवांछित घोषित किये गये, उसी में आउटसोर्सिंग कर्मी डेरा जमाए हुए हैं. इन कर्मियों में 108 नंबर बस के प्रबंधक, चालक, अनुबंध पर कार्यरत जीएनएम व एएनएम शामिल हैं.

दिलचस्प पहलू यह है कि किराया के नाम पर ऐसे कर्मी विभाग को फूटी कौड़ी भी नहीं चुकाते. मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. उपेंद्र दास ने बताया कि अवैध कब्जा कर रखे कर्मियों को आवास खाली करने का आदेश दिया जा चुका है. कहा कि किसी भी हादसे के लिए विभाग जिम्मेवार नहीं होगा.

सीएस ने 2018 में औषधि निरीक्षक को लिखा था

तत्कालीन डीसी के निर्देश पर पूर्व सीएस डा. रामरेखा प्रसाद ने 6.10.2018 को औषधि निरीक्षक को पत्र लिखा था. पत्र में औषधि निरीक्षक कार्यालय को सदर अस्पताल में शिफ्ट कर भवन को खाली करने का निर्देश दिया गया था. पत्र में साफ कहा गया था कि चार कमरों का बड़ा भवन डीआइ कार्यालय द्वारा अनधिकृत रूप से कब्जा किया गया है.

जानकारी के अनुसार आठ अक्तूबर 2018 को तत्कालीन डीसी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में प्रसव लाभार्थियों का कैंटीन स्थापित कर तत्काल कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने सदर अस्पताल में औषधि निरीक्षक कार्यालय के लिए कमरा भी आवंटित कर दिया था. आज तक चार कमरों का भवन खाली नहीं कराया जा सका.

चिकित्सकों के लिए बनेंगे नये आवास : सीएस

सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि चिकित्सकों का नया आवास बनाया जाना है. पूर्व सीएस के कार्यकाल में नया भवन निर्माण का प्रोपोजल बनाकर भेजा गया है. आउटसोर्सिंग कर्मियों के सवाल पर सीएस ने कहा कि उन्हें खाली करने का आदेश दिया जा चुका है. कहा कि सिविल सर्जन कार्यालय स्तर से आवास में रहने की अनुमति नहीं दी गयी है.

उन्होंने बताया कि मुख्यालय से आदेश लेकर आउटसोर्सिंग कर्मियों ने सरकारी आवास को अपना ठिकाना बना रखा है. मातृत्व एवं शिशु कल्याण केंद्र परिसर चैताडीह की बाबत कहा कि विभाग के वरीय अधिकारी को भी लिखा गया है.

औषधि निरीक्षक कार्यालय के लिए बना है भवन : डीआइ

औषधि निरीक्षक अमित कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशालय के आदेश पर चैताडीह में ड्रग इंसपेक्टर के लिए चार कमरों का भवन बनाया गया है. कहा कि पूर्व सिविल सर्जन डा. कन्हैया कुमार के कार्यकाल में स्वास्थ्य निदेशालय के आदेश की कॉपी सीएस कार्यालय में जमा की जा चुकी है. कहा कि मामले में अब किसी संदेह की गुंजाइश नहीं है.

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