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हजारीबाग के बड़कागांव ब्लॉक में धान रोपनी शुरू, खेतों में गूंज रहे हैं कजरी गीत

Jharkhand News (बड़कागांव, हजारीबाग) : काफी दिनों बाद बारिश होने से बड़कागांव ब्लॉक तथा आसपास के क्षेत्रों में धान रोपनी शुरू हो गयी है. बड़कागांव के चमगढ़ा में ग्राम मुख्य पुजारी एवं गवांट के पुजारी द्वारा पूजा- पाठ किये जाने के बाद धान रोपनी शुरू हुई. इस दौरान खेतों में कजरी गीत खूब गूंज रही है.

Jharkhand News (संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग) : मानसून के बावजूद काफी दिनों बाद बारिश होने से हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव ब्लॉक तथा आसपास के क्षेत्रों में धान रोपनी शुरू हो गयी है. बड़कागांव के चमगढ़ा में ग्राम मुख्य पुजारी बुद्धिनाथ महतो एवं गवांट के पुजारी नाया घढोटन भुइयां द्वारा पूजा- पाठ किये जाने के बाद धान रोपनी शुरू की गयी. इस दौरान खेतों में कजरी गीत खूब गूंज रही है.

किसान बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे थे. मौसम की बेरुखी से किसान परेशान थे. लेकिन, दो दिनों से शुरू हुई रिमझिम और बाद में हुई झमाझम बारिश से किसानों की खुशी बढ़ गयी है. रोपनी को लेकर किसान तो पहले से ही सजग हैं. अब मनोबल और बढ़ गया है. जल्द धान की रोपनी पूरी करने की होड़ लगी है. ऐसे में महिला किसान द्वारा बारिश के फुहार के बीच रोपनी बड़ा मनभावन लग रहा है.

धान के खेतों में रोपनी व कजरी गीत गूंज रहे हैं. खेतों में रोपनी करती महिलाएं ‘बरसे बरसे सावनवां चुवेला बंगला, परदेशियां बलमू के कवन आसरा…’ एवं ‘उमड़ी-उमड़ी के बरसेला सावनवां ए रामा..’ जैसे गीत गा रहीं हैं. किसान जोताई के साथ ही अन्य तैयारियों में जुट गये हैं. भीषण गर्मी के बीच रोपनी करने वाली महिलाएं राहत की सांस ले रही हैं. खेतों में धान की रोपनी को लेकर उत्साह का वातावरण कायम है.

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बारिश का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. रिमझिम बारिश से खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी तो नहीं हुआ है. फिर भी खेतों में थोड़े ही पानी पाकर किसानों की छाती चौड़ी हो गयी है. बारिश से किसानों का मनोबल काफी बढ़ा है. ऊंचे खेतों में पानी नहीं जमने के कारण पंपसेट एवं निजी संसाधनों के बूते किसान अपने खेतों में रोपनी कार्य शुरू कर दिये हैं.

हालांकि, अचानक बारिश होने के कारण रोहिणी नक्षत्र एवं मृगिका के अंतिम 5 दिनों में लगाये गये धान के बिचड़े भी तैयार होने से किसानों की बेचैनी बढ़ गयी है. इलाके के कई गांवों में पुरुष कामगारों के बाहर पलायन करने से रोपनी के लिए कामगारों की मांग बढ़ गयी है. ऐसी स्थिति में महिला कामगारों से अधिक काम निकालना संभव नहीं है.

क्या कहते हैं किसान

किसान अर्जुन महतो ने बताया कि बारिश को लेकर किसानों में उत्साह कायम है. फागुन महतो और झमन महतो ने कहा कि मौसम के बदलते मन-मिजाज के बाद जिनका बिचड़ा अभी तैयार नहीं हुआ है, वे भी अपने खेत की जोताई में भिड़ गये हैं. किसानों को उम्मीद है कि आगे अच्छी बरसात होगी और बेहतर उत्पादन होगा. कुलेश्वर राम ने कहा कि एकाएक बारिश शुरू होने से खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्या बढ़ गयी है.

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गणेश राम ने कहा कि खेतों में रोपनी के लिए मजदूरों के साथ-साथ जोताई के लिए ट्रैक्टरों की भी समस्या बढ़ायी है. ऐसी स्थिति में किसानों द्वारा सबसे पहले कृषि कार्य पूरा करने की होड़ परेशानी का आलम बना हुआ है.

Posted By : Samir Ranjan.

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