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सरायकेला में 20 दिनों से धान की खरीद बंद, अब तक सिर्फ 2 किसानों ने ही बेचा धान

सरायकेला में 40 दिनों में सिर्फ दो ही किसानों से करीब 200 क्विंटल धान की खरीदारी की गयी है. 15 दिसंबर को एक तथा 3 जनवरी को एक किसान से धान की खरीदारी की गयी थी.

खरसावां लैंपस में पिछले 20 दिनों से धान की खरीद बंद है. हर रोज किसान लैंपस का चक्कर काट कर बैरंग वापस लौट रहे हैं. खरसावां में 908 निबंधित किसान हैं, लेकिन अब तक सिर्फ दो ही किसानों से धान की खरीद की गयी है. 15 दिसंबर को खरसावां लैंपस में धान अधिप्राप्ति केंद्र का उद्घाटन किया गया था.

40 दिनों में सिर्फ दो ही किसानों से करीब 200 क्विंटल धान की खरीदारी की गयी है. 15 दिसंबर को एक तथा 3 जनवरी को एक किसान से धान की खरीदारी की गयी थी. इसके बाद धान की खरीदारी नहीं हो पायी है. जानकारी के अनुसार कई किसानों को मंगलवार को धान की अधिप्राप्ति के लिये मैसेज मिला. लेकिन मंगलवार को भी दिन भर धान अधिप्राप्ति केंद्र में अब भी ताला लटका रहा. विभागीय सूत्रों के अनुसार 27 जनवरी से फिर एक बार धान की अधिप्राप्ति करने की तैयारी चल रही है.

खुले बाजार में सस्ते दाम पर धान की बिक्री कर रहे किसान

खरसावां लैंपस में धान की खरीद नहीं होने के कारण क्षेत्र के किसान हाट बाजारों में सस्ते दाम पर धान की बिक्री करने को विवश हैं. साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2050 रुपये प्रति क्विंटल एवं ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2070 रुपये क्विंटल निर्धारित किया गया है. किसान धान को हाट-बाजारों में प्रति क्विंटल 1700 रुपये के दर से बिक्री करने को बाध्य हो रहे हैं.

बीसीओ को बनाया गया केंद्र का प्रभारी

खरसावां लैंपस धान अधिप्राप्ति केंद्र के लिए पूर्व में जन सेवक प्रद्युम्न कुमार आदित्य देव को प्रभारी बनाया गया था. 12 जनवरी को धान अधिप्राप्ति केंद्र के प्रभारी को बदलते हुए बीसीओ निर्मल लकड़ा केंद्र का नया प्रभारी बनाया गया.

किसान समिति ने की धान अधिप्राप्ति शुरू करने की मांग

मंगलवार को किसान समिति के अध्यक्ष नव किशोर सिंहदेव समेत समिति के शैलेश सिंह, दीपक सिंहदेव, काठुराम महतो, उमाशंकर दास, शंभू मंडल आदि किसानों ने जिला प्रशासन से मांग है कि जल्द खरसावां लैंपस में धान की अधिप्राप्ति शुरु की जाये. समय पर धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ज्यादा दिनों तक घरों में रखने से धान खराब हो जायेगा. हाट-बाजार में धान की बिक्री करने पर किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. किसानों ने प्रमुख प्रमुख मनेंद्र जामुदा से मिल कर इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा.

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