Jharkhand News: गढ़वा में करोड़ों रुपये की धान की हेराफेरी, 10 Rice Mill संचालकों पर दर्ज होंगे FIR

गढ़वा में करोड़ों रुपये की धान की हेराफेरी का मामला सामने आया है. धान उठाव के बाद सरकार को चावल की आपूर्ति नहीं किये जाने के मामले में 10 राइस मिल संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

By Samir Ranjan | November 17, 2022 6:51 PM
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Jharkhand News: पैक्स संचालक एवं मिल संचालकों की मिलीभगत से गढ़वा जिले में करोड़ों रुपये की धान की हेराफेरी किये जाने का मामला सामने आया है. किसानों द्वारा पैक्स में बिक्री किये गये धान का उठाव करने के बाद सरकार को चावल की आपूर्ति नहीं करनेवाले 10 राइस मिल संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

इन राइस मिल के खिलाफ दर्ज होगी FIR

जिन 10 राइस मिल के खिलाफ मामला दर्ज होगा उसमें अदिति देवा मिल प्राइवेट लिमिटेड, गुप्ताजी ब्रदर्श राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड, हनुमानजी मॉडर्न राइस मिल, हरिओम राइस मिल, जय बजरंग एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड, पशुपति राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड, श्रीहनुमानजी मॉर्डन राइस मिल नोखा, श्रीभगवानजी मॉर्डन राइस मिल, सिंघानिया एग्रो एवं ठाकुरजी राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड मुख्य है.

क्या है मामला

10 राइस मिल के संचालकों पर आरोप है कि इन लोगों ने धान खरीदने के एक साल बाद भी मात्र 61.49 प्रतिशत ही चावल की आपूर्ति FCI को की है. मिलरों को 6,85,144 क्विंटल धान दिये गये थे. इसके एवज में मिलरों को एफसीआई को 4,65,897 क्विंटल कस्टम मिल राइस (उसना चावल) उपलब्ध कराना था. लेकिन, मात्र 2,86,493 क्विंटल चावल ही उपलब्ध कराये गय. जो चावल उपलब्ध नहीं कराये गये उसके मूल्य करोड़ों में हैं.

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धान उठाव के एक साल बाद भी मिल संचालकों ने चावल उपलब्ध नहीं कराया

मालूम हो कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पिछले साल 2021-22 में पैक्स के माध्यम से किसानों से धान की खरीद की गयी थी. धान की जो खरीद होती है उसका उठाव राइस मिल संचालक द्वारा किया जाता है. इस धान के एवज में राइस मिल संचालक प्रति क्विंटल धान के बदले 68 किलो उसना चावल एफसीआई को उपलब्ध कराते हैं, लेकिन धान का उठाव करने के करीब एक साल बाद भी चावल उपलब्ध नहीं कराने की वजह से बड़े हेरफेर की ओर इशारा कर रही है.

धान के बदले चावल जमा नहीं वालों पर FIR दर्ज करने का निर्देश

प्रशासनिक स्तर से कई बार मिलरों को इसके लिए पत्राचार किया गया, लेकिन उनकी ओर से एफसीआई को चावल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से 10 नवंबर को आखिरी तिथि तय की गयी थी, लेकिन वह समय भी बीत गया. इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह एसडीओ राज महेश्वरम ने बताया कि जिन मिलरों ने धान के बदले चावल जमा नहीं किया है, उनके ऊपर  FIR दर्ज करने का निर्देश पत्र के माध्यम से जिला सहकारिता पदाधिकारी को दिया गया है, जबकि इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी अमिता कुमारी ने बताया कि उन्हें अभी तक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. पत्र प्राप्त होने के बाद ही वे कुछ कह सकेंगी.

रिपोर्ट: पीयूष तिवारी, गढ़वा.

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