52 हजार हेक्टेयर में हुई धनरोपनी, मक्के की खेती में भी आयी तेजी
अगस्त का महीना जामताड़ा जिला के किसानों के लिए काफी फायदेमंद रहा. विभाग की ओर से 15 अगस्त तक 52,000 हेक्टेयर में धान की रोपनी करनी थी, लेकिन समय सीमा बीतने से पहले ही विभाग ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है. सोमवार तक शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर कृषि विभाग आगे बढ़ गया है.
जामताड़ा : अगस्त का महीना जामताड़ा जिला के किसानों के लिए काफी फायदेमंद रहा. विभाग की ओर से 15 अगस्त तक 52,000 हेक्टेयर में धान की रोपनी करनी थी, लेकिन समय सीमा बीतने से पहले ही विभाग ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है. सोमवार तक शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर कृषि विभाग आगे बढ़ गया है.
अगस्त महीने में मात्र 10 दिन में 73 एमएम वर्षा हुई है. इसका लाभ किसानों ने बेहतर उठाया है. वहीं, मक्के की खेती में भी अपेक्षित प्रगति हुई है. यह आंकड़ा भी 85 प्रतिशत को पार कर गया है. उम्मीद है कि समय रहते मक्के की खेती में भी कृषि विभाग शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लेगा.
जुलाई के महीना में जामताड़ा जिला में अपेक्षाकृत अच्छी वर्षा हुई है. जून माह की कमी को मॉनसून ने जुलाई में पूरा कर लिया. जुलाई में शुरुआत से ही अच्छी बारिश हुई. जुलाई माह में औषत वर्षापात 325.60 एमएम की आवश्यकता होती है. पहले पखवाड़े में लगभग 50 प्रतिशत 162.3 एमएम वर्षा हुई थी.
Also Read: झारखंड के शिक्षा मंत्री ने 11वीं में लिया दाखिला, 25 साल बाद राजनीति के साथ करेंगे पढ़ाई भी जिला में 85 प्रतिशत से अधिक हुई है मक्के की खेतीजुलाई महीने के अंत तक 285.2 एमएम वर्षा हुई, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुआ. जिला में निर्धारित 52 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई पूरी हो चुकी है. जून माह में औषत वर्षापात का मात्र 60 प्रतिशत यानी 226.8 एमएम बारिश की जगह मात्र 135.6 एमएम ही बारिश हुई थी. निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 85 प्रतिशत से अधिक खेतों में मक्के की बुवाई हो चुकी है. जिला में 13,500 हेक्टेयर में मक्के की खेती हो चुकी है.
सबसे अधिक रोपनी नारायणपुर प्रखंड मेंजिला | नये पॉजिटिव केस | कोरोना से मौत |
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बोकारो | 89 | 2 |
चतरा | 144 | 0 |
देवघर | 74 | 1 |
धनबाद | 242 | 12 |
दुमका | 17 | 0 |
पू सिंहभूम | 716 | 14 |
गढ़वा | 230 | 0 |
गिरिडीह | 132 | 4 |
गोड्डा | 67 | 2 |
गुमला | 96 | 1 |
हजारीबाग | 201 | 5 |
जामताड़ा | 16 | 0 |
खूंटी | 13 | 1 |
कोडरमा | 141 | 4 |
लातेहार | 160 | 0 |
लोहरदगा | 91 | 0 |
पाकुड़ | 110 | 0 |
पलामू | 85 | 0 |
रामगढ़ | 119 | 0 |
रांची | 759 | 12 |
साहिबगंज | 108 | 2 |
सरायकेला | 62 | 2 |
सिमडेगा | 29 | 1 |
प सिंहभूम | 57 | 1 |
कुल | 3758 | 64 |
अगस्त माह में हुई मॉनसूनी बारिश के बाद सबसे अधिक नारायणपुर प्रखंड में धान रोपनी हुई है. सबसे कम रोपनी कुंडहित प्रखंड में हुई है. इस माह में सबसे अधिक नारायणपुर प्रखंड, दूसरे स्थान पर फतेहपुर तथा तीसरे स्थान पर करमाटांड़ प्रखंड में बारिश हुई है. सबसे कम बारिश कुंडहित प्रखंड में हुई है. वहीं नारायणपुर, जामताड़ा तथा फतेहपुर प्रखंड में भी औसत से अच्छी वर्षा हुई है.
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारीजिला कृषि पदाधिकारी जामताड़ा सबन गुड़िया ने कहा है कि 15 अगस्त तक शत-प्रतिशत धनरोपनी का लक्ष्य पूरा करने का समय निर्धारित किया था. समय पर अच्छी वर्षा और किसानों के प्रयास से समय सीमा से पहले ही लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया. मक्के की खेती में भी तेजी आयी है. उसमें भी विभाग निर्धारित लक्ष्य से आगे रहेगी.
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