दर्दनाक : एंबुलेन्स नहीं मिलने के कारण तीन साल के मासूम की मौत, DM ने दो चिकित्सकों समेत सात स्वास्थकर्मियों पर की कार्रवाई
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने की जद्दोजहद में लगे प्रशासन और सरकार की कोशिशों के बीच जहानाबाद से बिहार की दर्दनाक तस्वीर सामने आयी है. बिहार में सदर अस्पताल की लापरवाही के कारण एंबुलेन्स उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण तीन वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गयी. वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद जहानाबाद के जिलाधिकारी ने सात लोगों पर कार्रवाई की है.
पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने की जद्दोजहद में लगे प्रशासन और सरकार की कोशिशों के बीच जहानाबाद से बिहार की दर्दनाक तस्वीर सामने आयी है. बिहार में सदर अस्पताल की लापरवाही के कारण एंबुलेन्स उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण तीन वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गयी. वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद जहानाबाद के जिलाधिकारी ने सात लोगों पर कार्रवाई की है.
Bihar: Father of a 3-year-old child who passed away today in Jehanabad alleges that city's government hospital denied to provide an ambulance for the ailing child. DM Jehanabad says,"I'm not aware of the incident,however,if such an incident has taken place, action will be taken" pic.twitter.com/9cESY6TgwS
— ANI (@ANI) April 10, 2020
जानकारी के मुताबिक, बिहार के जहानाबाद के सदर अस्पताल में समय पर उपचार नहीं होने के कारण तीन वर्षीय मासूम बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. बताया जाता है कि सदर अस्पताल द्वारा बच्चे को रेफर किये जाने के बावजूद अस्पताल की ओर से एंबुलेन्स उपलब्ध नहीं कराया गया. मासूम बच्चे को गोद में उठाये उसकी मां पैदल ही पटना के लिए निकल पड़ी.
संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सात लोगों पर कार्रवाई की है. जिलाधिकारी ने अस्पताल के हेल्थ मैनेजर को निलंबित कर दिया है. साथ ही दो चिकित्सकों और चार नर्सों पर कड़ी कार्रवाई के लिए विभाग को अनुशंसा कर दी है. इसके अलावा एंबुलेन्स एजेंसी के सुपरवाइजर पर भी गाज गिरने की बात बतायी जा रही है.
क्या है मामला?कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के बीच बिहार के जहानाबाद से दर्दनाक तस्वीर सामने आयी है. बताया जाता है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण तीन साल के मासूम की जान चली गयी है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि जहानाबाद के सदर अस्पताल में अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के लारी सहोपुर गांव के गिरजेश ने तीन वर्षीय मासूम को इलाज के लिए पहले कुर्था स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जहानाबाद रेफर कर दिया.
लॉकडाउन के कारण परिजन किसी तरह ऑटो से जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर कर दिया. लेकिन, अस्पताल की ओर से एंबुलेन्स उपलब्ध नहीं कराया जा सका. पटना जाने के लिए परिजन करीब दो घंटे तक भटकते रहे. समय पर उपचार नहीं होने के कारण बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया. लेकिन, अस्पताल की ओर से एंबुलेन्स समय पर उपलब्ध नहीं कराया जा सका. इसके बाद बच्चे को गोद में लिये मां पैदल ही पटना के लिए रवाना हो गयी. लेकिन, रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.
मृत बच्चे के पिता गिरजेश ने जहानाबाद सदर अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इलाज के बाद रेफर किये जाने के बावजूद सदर अस्पताल की ओर से एंबुलेन्स मुहैया नहीं करायी गयी. लॉकडाउन की वजह से कोई गाड़ी भी उपलब्ध नहीं हो सकी. बच्चे को इलाज के लिए एंबुलेन्स से पटना ले जाना था, लेकिन समय पर एंबुलेन्स नहीं मिलने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. घटना के संबंध में सिविल सर्जन ने कहा है कि अगर एंबुलेन्स कर्मी दोषी पाया गया, तो कार्रवाई की जायेगी. मामले की जांच की जा रही है कि किस स्तर से लापरवाही हुई है.