Dhanbad News: झारखंड की कला संस्कृति को बचाने के लिए धनबाद जिले के कपूरिया बांधडीह के चित्रकार महावीर महतो जनवरी 2022 से लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं. वह लोगों को झारखंड की संस्कृति तथा शहीदों के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए लगातार निशुल्क चित्रकारी कर रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीण उच्च विधालय के दीवार पर रंगी- बिरंगी चित्रकारी कर रहे हैं. उनके द्वारा की गई चित्रकारी न सिर्फ झारखंड की संस्कृति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
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महावीर महतो ने बताया कि वह फाइन आर्ट में मास्टर डिग्री का पढ़ाई पूरा कर चुके हैं. झारखंड के धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, रांची तथा पश्चिमी सिंहभूम के 17 गांव में निशुल्क पेंटिंग के माध्यम से झारखंड की संस्कृति तथा आंदोलनकारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य गठन के बाद लोक कला पूरी तरह धूमिल हो चुका है. सरकार के पास कला विभाग है लेकिन कला की पढ़ाई के लिए एक भी स्कूल नहीं खोला गया. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. जबकि अन्य राज्यों में कला की पढ़ाई के लिए संस्थान खोले गए हैं.
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आज झारखंड की संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. सरकारी स्कूलों में कला के एक भी शिक्षक नहीं है. जबकि सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में कला का शिक्षक होना अनिवार्य है. सरकार के उदासीन रवैया के कारण लोग झारखंड की संस्कृति को धीरे-धीरे भूल रहे हैं. लोगों को आंदोलनकारियों के नाम तक सही से नहीं मालूम है. उसने बताया कि पीडीएस दुकान से राशन मिलता है और बाजार में थोड़ा बहुत पेंटिंग कर परिवार की गाड़ी किसी तरह खींचने का काम कर रहे हैं.