पाकुड़ जिला कृषि कार्यालय की ओर से धान के अनुमानित उत्पादन का आंकड़ा तैयार कर लिया गया है. करीब 73 हजार 278 मीट्रिक टन धान उत्पादन की संभावना जतायी जा रही है. कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पाकुड़ में 15,150 मीट्रिक टन तो वहीं हिरणपुर में 14,470 मीट्रिक टन, लिट्टीपाड़ा में 11784, अमड़ापाड़ा में 8850, महेशपुर में 14300 मीट्रिक टन और पाकुड़िया में 8724 मीट्रिक टन धान उत्पादन की संभावना जतायी जा रही है. हालांकि वास्तविक आंकड़ा क्रॉप कटिंग के बाद ही संभव हो पाएगा. बता दें कि जिले भर में इस बार 49 हजार हेक्टेयर पर धान की खेती की जानी थी, लेकिन बारिश समय पर नहीं होने के कारण जिले भर में मात्र 36,639 हेक्टेयर पर धान की खेती की गयी है. वहीं किसानों द्वारा अच्छी पैदावार की उम्मीद जतायी जा रही है. किसान अपने-अपने खेतों में से धान को उठाने में लगे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ जिले के कुछ प्रखंडों में धान की तैयारी शुरू कर दी गयी है. सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किसान अपने धान को बेचने के लिए निबंधन करा रहे हैं. जिला सहकारिता पदाधिकारी रामनाथ प्रसाद ने बताया कि धान क्रय केंद्रों में धान बिक्री के लिए लगभग 55 हजार किसानों ने पूर्व से ही निबंधन कराया है. इस वर्ष भी लैंपस के माध्यम से किसानों का धान खरीदा जाएगा. बताया कि धान खरीदारी को लेकर जिले भर से लैंपस चेंगाडंगा, पृथ्वीनगर, देवपुर, हिरणपुर, डंगापाड़ा, आलूबेड़ा, मानिकपुर, दमदमा, बन्नोग्राम, पाकुड़िया, करमाटांड़, सोनाधनी लैंपस का चयन किया गया है.
सहायक समाहर्ता-सह-बीडीओ हिरणपुर डॉ केके कनवाड़िया ने सीएचसी हिरणपुर एवं कल्याण गुरुकुल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान सीएचसी में साफ-सफाई की कमी पायी गयी, जिसपर सहायक समाहर्ता ने नाराजगी जतायी. साथ ही कर्मियों को कार्यशैली में सुधार करने को लेकर चेताया. सीएचसी में दवा की कमी, ऑपरेशन थियेटर, वार्ड इत्यादि के बारे में जानकारी ली. साथ ही डॉक्टर को जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए मांगपत्र तैयार करने का निर्देश दिया. सीएचसी में कमरा बनवाने तथा भवन का जीर्णोद्धार करने की भी मांग की गयी. चिकित्साकर्मियों ने सहायक समाहर्ता डॉ कृष्णकांत कनवाड़िया से पुरानी अवस्था में पड़े क्वार्टर के स्थान पर अस्पताल के लिए कमरा का निर्माण कराने की मांग की. ताकि मरीजों का ससमय सही तरीके से इलाज हो सके.
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