संतोष कुमार, बेतला:
झारखंड के एकमात्र टाइगर प्रोजेक्ट पलामू टाइगर रिजर्व, बेतला में चौथे बाघ की इंट्री हुई है. करीब 10 वर्षो में पहली बार यहां चार बाघों की पुष्टि हुई है. आखिरी बार 2014 में तीन बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले थे. 2018 में तो इनकी संख्या शून्य हो गयी थी. हाल ही में बेतला में दिखे बाघ की शारीरिक बनावट को आधार बनाकर विशेषज्ञों की टीम ने विश्लेषण के आधार पर इसकी पुष्टि की है. विशेषज्ञों ने कहा है कि बेतला में दिखा बाघ पूर्व में दिखे तीन बाघों की तुलना में अलग है. विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि बेतला में दिखे बाघ की तस्वीर एक साइड से कैद हुई है. जब पहले से मौजूद तीनों बाघ की तस्वीरों से उसका मिलान किया गया तो यह देखा गया कि वह सभी से अलग है.
बेतला में दिखा बाघ नर है और पूर्व में दिखे बाघों से आकार में बड़ा है. कैमरा ट्रैप में कैद तस्वीर, पग मार्क व स्केट को जांच के लिए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून को भी भेजा गया है. बाघ की मौजूदगी वाले इलाके में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है. इन इलाकों में बाघों की गतिविधियों पर नजर बनाये रखने के लिए 50 से अधिक कैमरा ट्रैप और करीब इतने ही संख्या में टाइगर ट्रैकर लगा दिये गये हैं. जो 24 घंटे बाघों को गतिविधियों पर नजर बनाये हुए हैं. इन चार बाघों में दो बाघ पलामू टाइगर रिजर्व में पहले से ही मौजूद थे जबकि दो बाघ छत्तीसगढ़ या मध्य प्रदेश से आनेवाला बताये जाते हैं.
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कब और कहां दिखा बाघ
इस वर्ष सबसे पहले और मार्च महीने में पलामू टाइगर रिजर्व के कूटकू वन प्रक्षेत्र में बाघ को देखा गया था. सात महीने के बाद नवंबर में गारू वन प्रक्षेत्र में दूसरा और उसी महीने में बेतला नेशनल पार्क में तीसरा बाघ दिखा. चौथा बाघ पुनः बेतला नेशनल पार्क में ही देखा गया जिसे कोलकाता के पर्यटकों ने भी देखा और उनकी तस्वीरों को अपने कमरे में कैद किया.
1974–50
1990–45
2005–38
2006–17
2007–06
2010–06
2014–03
2018-00
2023-04
पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि वर्ष 2023 में चार बाघों का दिखाई देना इस बात का संकेत है कि पलामू टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल है. उन्होंने कहा कि बाघों का स्थायी प्रवास हो सके इसके लिए पलामू टाइगर प्रबंधन कोई कसर नहीं छोड़ेगा.