Jharkhand News:पलामू टाइगर रिजर्व में बिजली के करंट से हाथी की हत्या करने की आरोपी पत्नी को जेल, पति फरार
सात नवंबर की रात्रि में हाइटेंशन बिजली के करंट से हाथी को मार दिया गया था. सहादूर सिंह के खेत से हाथी के शव को बरामद किया गया था. हाथी को मारने के बाद बिजली के तार को झाड़ियों में छिपा दिया गया था. इसे सर्च अभियान के दौरान बरामद किया गया था.
Jharkhand News: पलामू टाइगर रिजर्व के गारू वन प्रक्षेत्र के लाभर में एक नर हाथी की हत्या मामले में वन विभाग ने तीन लोगों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. मुख्य आरोपी सहादूर सिंह अभी फरार चल रहा है, जबकि उसकी पत्नी इस्मतिया देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इन पर जान बूझकर 11 हजार वोल्ट के तार (करंट) से हाथी को मारने का आरोप है. विभाग द्वारा इन किसानों के खेतों से बिजली का नंगा तार बरामद किया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है.
बिजली के करंट से हाथी को मार डाला
पिछले सात नवंबर की रात्रि में हाइटेंशन बिजली के करंट से हाथी को मार दिया गया था. सहादूर सिंह के खेत से हाथी के शव को बरामद किया गया था. हाथी को मारने के बाद बिजली के तार को झाड़ियों में छिपा दिया गया था. इसे सर्च अभियान के दौरान बरामद किया गया था. पोस्टमार्टम के दौरान हाथी के शरीर से एक गोली भी बरामद की गयी थी, जो काफी पुरानी थी. पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है. अब तक जो मामला सामने आया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि सहादूर सिंह ने अन्य लोगों के सहयोग से बिजली के करंट से हाथी को मार दिया है.
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किसानों को मिलेगा मुआवजा
घटना के बाद डॉक्टर रवि नंदन, प्रमोद कुमार व मीरा सिंह के द्वारा हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया गया था. इस दौरान मेटल डिटेक्टर से जांच करने पर कुछ लोहा जैसी चीज होने की आशंका व्यक्त की गयी थी. इसके बाद हाथी के शरीर से एक गोली भी बरामद की गयी थी. यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि पूर्व में कुछ दिन पहले हाथी को गोली भी मारी गयी थी, जो उसके शरीर में मौजूद रह गया था. इन दिनों कई हाथियों का झुंड फसल को खाने के लिए गांव की ओर रुख कर रहा है. इस कारण ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश देखा जा रहा है. डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार ने कहा कि लोगों को कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है. फसल खाने के बाद सरकार के द्वारा उचित मुआवजा देने का प्रावधान है. इसलिए यदि कोई हाथी किसानों के खेत में प्रवेश करता है तो वे इसकी सूचना निकटवर्ती विभागीय पदाधिकारी को दें. निश्चित रूप से उन्हें क्षतिपूर्ति राशि दी जायेगी.
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रिपोर्ट : संतोष कुमार, बेतला