बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान के कालना के अपर जिला व सत्र न्यायालय में दंपती की हत्या के 21 वर्षों बाद आठ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. मामले में चली लंबी सुनवाई और 17 लोगों की गवाही के बाद आठ अभियुक्त दोषी साबित हुए. इसके बाद उक्त कोर्ट के जज सुधार कुमार ने आठ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही उन पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की रकम मृत दंपती के बच्चों को देने का भी निर्देश आया. दोषियों के नाम हातेम मंडल, लाल मंडल, माला मंडल, सईदुल मंडल, सैफुल मंडल, मन्नान मंडल, कासेम मंडल व खैरुल मंडल बताये गये हैं. ये सभी मंतेश्वर थाने के भागड़ा गांव के बाशिंदे हैं.
मामले के सरकारी वकील विकास राय ने बताया कि हातेम मंडल ने सात अन्य लोगों के साथ मिल कर पड़ोस में रहनेवाले अपने भतीजे अनवर मंडल के घर पर 27 जुलाई 2002 को धावा बोला था. वहां अनवर व उसकी बीवी मस्तरा को जान से मार कर शवों को रस्सी का फंदा बना टांग दिया गया था, ताकि मामला खुदकुशी का लगे. घटना के अगले दिन मंतेश्वर थाने की पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए कालना महकमा अस्पताल भेजा. अंत्यपरीक्षण में आत्महत्या की रिपोर्ट सामने आयी थी. लेकिन इस रिपोर्ट को जीआरपी के कर्मचारी रहे अनवर मंडल के परिजनों ने नहीं माना.
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मामला कोर्ट में जाने पर फिर से जांच का आदेश हुआ. उसके मुताबिक घटना के 71 दिनों बाद पुलिस ने दोनों शवों को कब्र से निकाल कर बर्दवान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेजा. वहां की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ. फिर केस पर कालना कोर्ट में लंबी सुनवाई चली. 17 गवाहों के बयान लिये गये. बुधवार को मामले पर कालना के अपर जिला व सत्र न्यायालय में अंतिम सुनवाई हुई. फिर जज ने आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी.
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