बंगाल : संशय खत्म, 822 कंपनी केंद्रीय बलों की निगरानी में होंगे पंचायत चुनाव
पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अतिरिक्त केन्द्रीय बल को भेजने के लिये केन्द्र की ओर से हरी झंडी दे दी गई है. जल्द ही से शेष 485 कंपनियों भी बंगाल आ जाएंगी.
पश्चिम बंगाल में अगामी 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होना है. ऐसे में राज्य चुनाव आयोग को 822 कंपनी केंद्रीय बल की आवश्यकता थी और केन्द्र की ओर से उनको भेजने की मंजूरी मिल गई है. गौरतलब है कि राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में बताया कि 8 जुलाई को एक चरण के मतदान के दौरान 822 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की जाएगी. केंद्र ने राज्य की आवश्यकता के अनुसार 822 कंपनियों में से शेष 485 कंपनियों को भी भेजने की मंजूरी दे दी है. बाकी केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां राज्य में आने वाली हैं. इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि 4834 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है.
Also Read: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: सीएम ममता बनर्जी 3 जुलाई को बीरभूम की जनसभा को करेंगी वर्चुअली संबोधित
विभिन्न राज्यों से आयेंगी केंद्रीय बलों की 822 कंपनियां
राज्य में केंद्रीय बलों की 22 कंपनियों के आगमन के बाद, आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर 800 अन्य कंपनियों को केंद्र ने भेजा है. इससे पहले 315 कंपनियों ने सेना भेजने की अधिसूचना जारी की थी. उस 315 कंपनी सेना के सैनिक कदम-कदम पर राज्य में आने लगे. गृह मंत्रालय के मुताबिक 323 कंपनियों में से 100 कंपनियां बीएसएफ की, 73 कंपनियां सीआरपीएफ की हैं. 50 कंपनियां एसएसबी से, 40 कंपनियां सीआईएसएफ , 30 कंपनियां आरपीएफ से और 30 कंपनियां आईटीपीबी से आएंगी.इसके अलावा 20 राज्यों से 162 कंपनी फोर्स आएंगी.
हर बूथ पर नहीं तैनात किये जाएंगे केंद्रीय बल
सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पंचायत संबंधी एक मामले में आयोग के वकील ने कहा कि आम तौर पर संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सशस्त्र बल तैनात किए जाते हैं. लेकिन अब हर बूथ पर केंद्रीय बल देना संभव नहीं है. मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने और क्षेत्र में गश्त करने के लिए केंद्रीय बलों की परिकल्पना की जाएगी. इसके साथ ही प्रयास किया जाएगा कि केन्द्रीय बल सभी इलाकों में निगरानी रख सकें.
Also Read: कोलकाता: मोमिनपुर हिंसा के बाद धारा 144 लागू, सुकांत हिरासत में, सेंट्रल फोर्स की तैनाती की मांग