Loading election data...

किसान की जगह कोडरमा के पंचायत सेवक ने खुद को बनाया लाभुक, जानें पीएम किसान सम्मान निधि की कितनी निकाली राशि

Jharkhand News, Koderma News : किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में केंद्र सरकार के द्वारा शुरू किये गये महत्वाकांक्षी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में कोडरमा जिले में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. योजना के लिए अपात्र लोगों के द्वारा आवेदन करने के बावजूद स्वीकृति मिलने पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहा है. हैरानी की बात यह है कि सुदूरवर्ती सतगावां प्रखंड का रहने वाला एक सरकारी सेवक भी इस योजना के लाभार्थी सूची में शामिल है और पिछले दो वर्ष से योजना के तहत दी जाने वाली निश्चित राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2021 7:06 PM

Jharkhand News, Koderma News, झुमरीतिलैया (किशोर प्रसाद यादव) : किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में केंद्र सरकार के द्वारा शुरू किये गये महत्वाकांक्षी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में कोडरमा जिले में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. योजना के लिए अपात्र लोगों के द्वारा आवेदन करने के बावजूद स्वीकृति मिलने पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहा है. हैरानी की बात यह है कि सुदूरवर्ती सतगावां प्रखंड का रहने वाला एक सरकारी सेवक भी इस योजना के लाभार्थी सूची में शामिल है और पिछले दो वर्ष से योजना के तहत दी जाने वाली निश्चित राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है.

एक सरकारी सेवक पिछले 2 साल से किसान के नाम पर योजना का लाभ ले रहा है, पर इसे देखने वाला कोई नहीं है. यही नहीं बैंक खाते में राशि आने के बाद भी उसने योजना के लाभार्थी सूची से अपना नाम हटाना जरूरी नहीं समझा. ऐसे में यह संभावना है कि इस योजना का लाभ कई अपात्र लोग भी उठा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, योजना का लाभ लेकर आरोपों में घिरा राजेंद्र चौधरी मूल रूप से सतगावां प्रखंड के दौनेया का रहने वाला है. राजेंद्र कोडरमा प्रखंड अंतर्गत पंचायत सेवक के पद पर कार्यरत है. उसके पास 3 पंचायत करमा, झुमरी और मेघातरी का प्रभार है.

Also Read: Self Employment Mantra : झारखंड के ग्रेजुएट किसान चंद्रशेखर रोजाना करते हैं पौधरोपण, पलायन करने वाले युवाओं को दे रहे स्वरोजगार का मंत्र

प्रभात खबर ने राजेंद्र के संबंध में मिली शिकायत के बाद पीएम किसान सम्मान निधि के ऑनलाइन पोर्टल को टटोला, तो हैरान करने वाली बात सामने आयी. ऑनलाइन उपलब्ध डाटा के अनुसार राजेंद्र चौधरी का नाम इस योजना के लाभार्थी सूची में है और उसे अब तक अलग-अलग 6 किस्तों की राशि बैंक खाते में भेजी गयी है. रिकार्ड के अनुसार, योजना के तहत उसका निबंधन 14 जून, 2019 को किया गया है.

6 किस्त में बीओआई के खाते में भेजी गयी है राशि

ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राजेंद्र चौधरी के बैंक आफ इंडिया के खाता में पहली बार एक जुलाई, 2019 को राशि भेजी गयी है. इसके बाद 5 नवंबर 2019, 5 फरवरी 2020, 14 अप्रैल 2020, 18 अगस्त 2020 व 23 दिसंबर 2020 को पैसे ट्रांसफर किये गये हैं. योजना के तहत सरकार एक वित्तीय वर्ष में 6 हजार रुपये अलग-अलग किस्तों में 2- 2 हजार रुपये के हिसाब से भेजती है.

मां व भाभी भी लाभार्थी सूची में

पंचायत सेवक राजेंद्र चौधरी अपने साथ-साथ अपनी मां व भाभी को भी योजना का लाभ दिला रहा है. रिकार्ड के अनुसार उसकी मां पार्वती देवी का योजना के लिए निबंधन तीन जुलाई 2019 को किया गया है. इनके नाम पर भी अलग-अलग 6 किस्तों में राशि झारखंड ग्रामीण बैंक के खाते में ट्रांसफर की गयी है. वहीं, भाभी सुनरवा देवी निवासी महथाडीह बताते हुए बैंक ऑफ इंडिया के खाते में अलग-अलग तिथियों में 6 बार राशि का भुगतान किया गया है.

अगर ऐसा है, तो अपना नाम हटवा लेंगे : पंचायत सेवक

किसान के नाम पर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में पहले तो पंचायत सेवक राजेंद्र चौधरी ने सीधे तौर पर इनकार किया. लेकिन, जब रिकाॅर्ड का हवाला दिया गया, तो उसने कहा कि ऐसा तो नहीं है. हमें मालूम नहीं है. मेरा खाता जरूर बैंक ऑफ इंडिया में है. मां गरीब है. हो सकता है. हम देखे नहीं हैं, तो योजना के लिए आवेदन क्या देंगे. अगर मेरा नाम होगा, तो कर्मचारी को कह देंगे कि मेरा नाम हटा दे. वैसे गांव में हम लोगों का काफी खेती-बाड़ी है.

मामला गंभीर है, जांच के बाद होगी कार्रवाई : सीओ

इस संबंध में पूछे जाने पर सतगावां प्रखंड के बीडीओ सह सीओ बैद्यनाथ उरांव ने कहा कि किसी पंचायत सेवक के द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने की जानकारी मुझे नहीं है. लाभार्थी का चयन कर्मचारी, सीआई की रिपोर्ट के आधार पर होता है. अगर कोई अपात्र इसका लाभ उठा रहा है, तो जांच के बाद कार्रवाई अवश्य होगी.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version