गांव की सरकार: पंचायती राज के अधिकारों का क्या है लाभ? 63701 पदों के लिए होने वाला है चुनाव

आज पंचायती राज दिवस है. यह ग्रामवासियों को अपने गांवों को सजाने और संवारने का अधिकार देता है. झारखंड में तीसरी बार गांव की सरकार बनने जा रही है. इसके कई लाभ है. 63701 पदों के लिए इस बार चुनाव होगा

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2022 9:00 AM

रांची: आज पंचायती राज दिवस है. पंचायती राज यानी गांवों की सरकार, ग्रामवासियों के हाथ. पंचायती राज के माध्यम से ही ग्रामवासियों को अपने गांवों को सजाने और संवारने का अधिकार मिलता है. यह सरकार लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई है.

पंचायती सरकार के माध्यम से हर गांव, कस्बा, टोला में विकास की धारा बह रही है. बात सिर्फ विकास तक ही नहीं ठहर रही, बल्कि लोगों को उनके मौलिक अधिकार मिल रहे हैं. सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का बड़ा हथियार मिला है.

दहेज प्रथा, बाल विवाह, डायन प्रथा सहित दर्जनों कुरीतियों को तोड़ने में मदद मिल रही है. सिर्फ आम और खास नहीं, बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब ग्रामीण के भी हाथ में शक्ति मिली है. यह सब पंचायती राज की वजह से ही सरोकार हो सका है. ऐसे में हर एक वोट गांवों की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकता है, इसलिए हर ग्रामीण खुद तो वोट करें ही, दूसरों को भी वोट करने के लिए प्रेरित करें. तभी सुंदर गांव का सपना पूरा होगा.

ध्यान रखें, प्रत्याशियों के चयन में चूक न हो

ग्रामीणों को इस बार भी प्रत्याशियों के चयन में चूक नहीं करना होगा. अब समझना ग्रामीणों को ही है. उन्हें पिछले अनुभवों को भी देखना है. सामने खड़े जनप्रतिनिधियों को देखना-समझना है. फिर उसके अनुसार ही वोट करना है. कैसे किसे वोट करें, यह उन्हें सोच-समझ कर निर्णय लेना होगा, ताकि स्वच्छ और बेहतर सरकार बने. इस बार भी चूकना नहीं है, बल्कि हर हाल में मताधिकार का प्रयोग कर अपने सपने का गांव तैयार करना है. इसलिए साफ छवि वाले, ईमानदार, कर्मठ, विकास को प्राथमिकता देनेवाले प्रत्याशियों का चयन करें. यह देखें कि प्रत्याशी बेदाग हो. लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध हो.

यहां जानिए पंचायती राज के अधिकारों का लाभ

पंचायती राज संस्थाओं को 14 विभागों के 29 विषयों के अधिकार मिले हैं. पंचायत प्रतिनिधियों को गांवों की छोटी-छोटी योजनाअों से लेकर सामाजिक सरोकार की बड़ी जिम्मेवारियां दी गयी हैं. गांवों की सरकार के माध्यम से छोटी-छोटी सड़कें, नालियों का निर्माण, पेयजल, सामुदायिक भवन, सड़कों पर लाइट, खेलकूद के संसाधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी मिल रही है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, खाद्य सुरक्षा से लेकर सामाजिक मुद्दों से जुड़े अधिकार का लाभ सीधे ग्रामीणों को मिल रहा है. वन एवं पर्यावरण, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, कृषि, भूमि विकास व लघु सिंचाई, पशुपालन, स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा व कौशल विकास, पर्यटन, खेलकूद,

आजीविका, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, आवास व आधारभूत संरचना, महिला व शिशु कल्याण और सामाजिक मुद्दे से जुड़े अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों को दिये गये हैं. गांवों के वृद्ध, विधवा, विकलांग, आदिम जनजाति समुदाय के सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन की सुविधा मिलती है़ गरीब एकल महिलाओं, विकलांग, बुजुर्ग को राशन कार्ड और राशन भी मुहैया कराया जाता है. डायन प्रथा, बाल विवाह, मानव ट्रैफिकिंग, पलायन, बंधुआ मजदूर, नशा मुक्ति, खुले में शौच से मुक्त, महाजन मुक्त, कन्या भ्रूण हत्या सहित अन्य सामाजिक कुरीतियों से लोगों को बाहर निकालने पर काम हो रहा है.

तीसरी बार बनने जा रही गांव की सरकार

झारखंड में तीसरी बार गांवों की सरकार बनने जा रही है. 14 मई से चार चरणों में चुनाव होगा. मई में ही सभी चरणों की मतगणना भी हो जायेगी. यानी जून में गांवों में नयी सरकार बन जायेगी. गांवों में सरकार बनाने को लेकर भाग-दौड़ शुरू हो गयी है. चुनावी रणनीति बनने लगी है. ग्रामीणों को अपने पक्ष में मतदान करने की कसरत हो रही है. बैठकें हो रही हैं. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक, फिर रात में भी मजमा लगने लगा है. एक टोला से दूसरे टोला तक पैदल यात्रा शुरू हो गयी है.

महिलाओं के लिए आरक्षित सीट

पद कुल सीट एससी एसटी अनारक्षित

जिला परिषद 536 39 96 159

पंचायत समति सदस्य 5341 380 945 1587

मुखिया 4345 236 1201 893

ग्राम पंचायत सदस्य 53479 3954 9388 17286

पंचायती राज अहम, शत-प्रतिशत करें मतदान : एके सिंह

राज्य के पूर्व मुख्य सचिव डॉ एके सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव अहम है. पंचायती राज व्यवस्था से ही गांव का विकास संभव है, लेकिन इसके लिए पूरी व्यवस्था में सुधार जरूरी है. ग्रामीणों को अपना शत प्रतिशत वोट देने की आवश्यकता है. उन्हें जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर वोट करने की जरूरत है. बड़े प्रयास के बाद 2010 में पहली बार मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए पंचायत चुनाव कराया था. पंचायत सचिवालय भी बना था.

लेकिन, सपना पृरी तरह साकार नहीं हुआ. अभी तक पंचायती राज व्यवस्था को पूरा अधिकार नहीं मिला है. ऐसे में जरूरी है कि वित्तीय और प्रशासनिक दोनों शक्ति पंचायती राज संस्थाओं को मिले, तभी विकास संभव है. सरकार पूरी तरह सत्ता का विकेंद्रीकरण करें. अभी फिर मतदान होने जा रहा है, इसलिए ग्रामीण जागें. अपनी पसंद का और बेहतर व्यक्ति का चयन करें, ताकि विकास की दिशा में गांव आगे बढ़ सके.

अधिकार का विवेकपूर्ण ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए

मतदान एक मौलिक अधिकार है. हर वोट मायने रखता है. हमें इस महत्वपूर्ण अधिकार का विवेकपूर्ण ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए. हमारा एक-एक वोट सशक्त पंचायत बनाने में महत्वपूर्ण है. ग्राम पंचायत द्वारा ही गांवों का समुचित विकास हो सकता है.

कंचन कुमारी, जोन्हा, अनगड़ा

पंचायत चुनाव में काफी सोच-समझ कर प्रत्याशी का चुनाव करेंगे. प्रत्याशी शिक्षित, समाज का कल्याण व क्षेत्र का विकास करने वाला होना चाहिए. चुनाव में एक-एक वोट की कीमत है. इसलिए सभी मानकों पर आंकने के बाद ही सही प्रत्याशी को वोट दूंगा. चुनाव में शिक्षित व प्रबुद्ध लोगों को आगे आना होगा.

राजेश साहू, काठीटांड़, रातू

एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद इटकी बाजार में चाय-नाश्ते का होटल चलाता हूं. पहली बार पंचायत चुनाव में अपने मत का प्रयोग करूंगा़ पंचायत चुनाव में एक-एक वोट का महत्व है. इसलिए अपनी पंचायत की दशा व दिशा बदलने के लिए मतदान जरूर करूंगा़ पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती के लिए अन्य लोगों को भी वोट देने के लिए प्रेरित करूंगा़

-शशि कुमार महतो, कोइरी टोला, इटकी पूर्वी पंचायत

Posted By: Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version