पंडित छन्नूलाल मिश्र को मिला पद्म विभूषण, नाम की यह खास उपलब्धि

पंडित छन्नूलाल मिश्र को खयाल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसे लोकगीत विधाओं के गायन के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. उन्हें 2010 में पद्म भूषण भी मिल चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 8, 2021 7:24 PM

Varanasi News: काशी के संगीत घराने के नायाब रत्न पंडित छन्नूलाल मिश्र को खयाल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसे लोकगीत विधाओं के गायन के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में इस सम्मान को प्रदान किया गया. पण्डित छन्नूलाल मिश्रा को 2010 में पद्मभूषण और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार व यश भारती से भी सम्मानित किया जा चुका है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कला के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए जब पं. छन्नूलाल मिश्र को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उस वक्त मौजूद थे.

Also Read: Varanasi News: नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस ने मनाया काला दिवस, पूछा- कब आएगा काला धन

पदम् विभूषण सम्मान से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म तीन अगस्त 1936 को आजमगढ़ में हुआ था. उनके दादा गुदई महाराज शांता प्रसाद प्रसिद्ध संगीतकार थे. छह साल की उम्र से ही पंडित छन्नूलाल मिश्र ने अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी. किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान से भी उन्होंने शिक्षा ली.

Also Read: Varanasi News: विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया लीला देखने उमड़ी भीड़, गंगा बनी यमुना तो जयकारों से गूंज उठी काशी

पण्डित छन्नूलाल मिश्रा ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में शीर्ष ग्रेड कलाकार रह चुके हैं. वह संस्कृति मंत्रालय के सदस्य भी रहे हैं. वे संगीत जगत के इकलौते ऐसे कलाकारों में हैं, जिन्हें पद्मश्री के बजाय पद्मभूषण प्रदान किया गया. पं. छन्नूलाल मिश्र को खयाल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसे लोकगीत विधाओं के गायन के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है.

पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने पद्म विभूषण को बनारस घराने के सम्मान के रूप में समर्पित किया है. पुरा बनारस इस सम्मान के लिए खुशी के साथ साथ गौरवांवित महसूस कर रहा है. बनारस में महादेव के बारात में सबसे ज्यादा गाया जाने वाला गाना खेले मसाने में होरी दिगंबर वाला भजन समेत पण्डित छन्‍नूलाल मिश्रा को ठुमरी, दादरा, चैती और कजरी के साथ ही भजन गाने के लिए भी जाना जाता है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

Next Article

Exit mobile version