मेरठ में नीरज चोपड़ा के स्टैच्यू का भाला गायब होने पर हड़कंप, पुलिस बोली- रिप्लेस कराने के लिए हटाया गया
मेरठ में नीरज चोपड़ा के स्टैच्यू से भाला (जैवलिन) चोरी हो गया है. जैसे ही इस बात का पता चला तो पुलिस भी जांच-पड़ताल में जुट गई. हालांकि, बाद में पुलिस द्वारा बताया गया कि भाला चोरी नहीं हुआ है बल्कि चौराहों के सौंदर्यीकरण के तहत उसको बदला गया है.
Meerut: मेरठ में एथलीट नीरज चोपड़ा से जुड़ी ऐसी खबर सामने आई कि प्रशासन सकते में आ गया. मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के मुख्य चौराहे हापुड़ अड्डा का सौंदर्यीकरण कराया गया था. प्राधिकरण द्वारा स्पोर्ट्स सिटी के बोर्ड के साथ चौराहे पर भाला फेंकते हुए एथलीट खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का आदमकद स्टेच्यू लगा रखा है.
हापुड़ अड्डे चौराहे पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के बड़ी संख्या में कैमरे लगे हैं. इन सभी के बावजूद नीरज चोपड़ा की प्रतिमा में लगे भाले (जैवलिन) को अज्ञात आरोपी चोरी करके ले गए. जैसे ही इस बात का पता चला तो शहर में हड़कंप मच गया. वहीं पुलिस भी जांच-पड़ताल में जुट गई.
इस मामले में एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि भाला चोरी नहीं हुआ हैं. एक ट्रक वाले से भाला पूर्व में टूट गया था. यदि चोरी का मामला प्रकाश में आता हैं, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी. वहीं,सीओ सिविल लाइन अरविंद चोरसिया ने बताया कि मेरठ विकास प्राधिकरण जिसने यह प्रतिमा लगाई है. उनके अनुसार चोरी नहीं हुआ, रिप्लेस कराने के लिए हटाया गया था नीरज चोपड़ा का भाला. पहले प्लास्टिक का भाला लगा था, जिस पर व्यापारियों ने आपत्ति जताई. इसके बाद मेडा ने उस प्लास्टिक के भाले को रिप्लेस कर नया भाला लगाया है.
चपे चपे पर मौजूद हैं कैमरे
हापुड़ अड्डे चौराहे पर दो सर्किल के चार थानों की सीमा आती हैं. जिसमें लिसाड़ी गेट, कोतवाली, सिविल लाइन और नौचंदी हैं. चौराहे के सामने ट्रैफिक पुलिस का बूथ हैं. शहर का मुख्य चौराहा होने की वजह से सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रत्येक एंगल से कैमरे लगाए गए हैं. सोमवार देर रात अज्ञात आरोपियों द्वारा इंटरनेशनल एथलीट नीरज चोपड़ा की प्रतिमा से भाला चोरी कर लिया गया.
चौराहों पर सरकारी संपत्ति भी नहीं सुरक्षित
वहीं पुलिस रात में गश्त करने का दावा करती है. लेकिन आरोपी पुलिस को चुनौती देते हुए वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए. उन्हें चार थानों की पुलिस और चौराहों पर तैनात रहने वाली पीआरवी टीम भी नहीं देख सकी. मंगलवार सुबह घटना का पता चलते ही स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए.
उन्होंने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जताते हुए हंगामा भी किया. उनका कहना है कि शहर के मुख्य चौराहों पर सरकारी संपत्ति भी सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में व्यापारी कैसे व्यापार कर सकता है. घटना का पता चलते ही पुलिस ने चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई है.