पंकज मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें, अवैध खनन मामले में CBI ने दर्ज की प्राथमिकी
विजय हांसदा द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ईडी ने हांसदा द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के तहत उससे जेल में पूछताछ की
रांची : सीबीआइ ने साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा, दाहू यादव सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. विजय हांसदा को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है. हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में साहिबगंज में अवैध खनन, ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने और गवाहों को भड़काने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
उल्लेखनीय है कि विजय हांसदा ने साहिबगंज के बोरियो थाना में पंकज मिश्रा व अन्य के खिलाफ नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करने और मना करने पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. साथ ही सरकारी बॉडीगार्ड का धौंस दिखा ग्रामीणों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था. हांसदा ने प्राथमिकी में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, संजय यादव सहित कुल आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था.
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विजय हांसदा द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ईडी ने हांसदा द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के तहत उससे जेल में पूछताछ की और उसके द्वारा दिये गये बयान के आधार पर अवैध खनन मामले में अपना गवाह बनाया. बोरियो थाने में दर्ज प्राथमिकी में किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने की वजह से उसने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर इस प्राथमिकी की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की.
लेकिन जेल से निकलने के बाद उसने अपनी याचिका वापस लेने के लिए आइए दायर किया. इसमें यह तर्क पेश किया गया कि उसके द्वारा जमानत याचिका दायर करने के लिए वकालतनामा पर हस्ताक्षर कराने के बाद जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर दी गयी. इसलिए वह जांच की मांग से जुड़ी मूल याचिका वापस लेना चाहता है. हालांकि हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच का आदेश दिया.
सीबीआइ जांच के आदेश के बाद विजय हांसदा ने ईडी के गवाह मुकेश यादव व अन्य के खिलाफ धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आनन फानन में धारा 164 के तहत हांसदा का बयान दर्ज कराया. इसमें हांसदा ने ईडी के अधिकारियों पर भी आरोप लगाये. धुर्वा थाने में दर्ज मामले के खिलाफ मुकेश यादव ने हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की.
हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी के आलोक में पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी. सीबीआइ ने कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर हाइकोर्ट परिसर में इडी के अधिकारियों का फोन छीनने की घटना की पुष्टि की. सीबीआइ ने शपथ पत्र में यह भी कहा कि हाइकोर्ट के वकील सुधांशु शेखर चौधरी के कहने पर धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस बीच ईडी ने भी अपने गवाह विजय हांसदा के मुकरने और गवाही के लिए पीएमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं होने की जांच की. इसमें यह पाया कि ईडी के खिलाफ भड़काने के लिए रची साजिश में राज्य के एक आइपीएस अधिकारी भी शामिल हैं. विजय हांसदा के लिए टिकटों की व्यवस्था साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम ने करवायी है.